Kejriwal Govt Vs LG: दिल्ली में एक बार फिर अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) सरकार और उपराज्यपाल के बीच टकराव हो गया है. दरअसल, दिल्ली के एलजी अनिल बैजल ने कोरोना के ताजा हालात पर अधिकारियों के साथ बैठक की जिसपर सीएम अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कड़ी आपत्ति जताई है. सीएम केजरीवाल ने कहा कि चुनी हुई सरकार के पीठ पीछे इस तरह की मीटिंग करना संविधान और सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ है. उन्होंने एलजी से लोकतंत्र का सम्मान करने की अपील की.


क्या है पूरा मामला? 


दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने दिल्ली में कोरोना की स्थिति और तैयारियों की समीक्षा के लिए बैठक की. दिल्ली के एलजीप के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर कहा गया, “दिल्ली में कोविड की स्थिति और भविष्य की तैयारियों की समीक्षा की मुख्य सचिव, एसीएस (गृह और स्वास्थ्य), संभागीय आयुक्त, सचिव (स्वास्थ्य), एमडी-डीएमआरसी और अन्य संबंधित अधिकारियों के साथ की.” इस बैठक पर सीएम केजरीवाल ने कड़ी आपत्ति जताई.






अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट करते हुए कहा, “निर्वाचित सरकार की पीठ के पीछे ऐसी समानांतर बैठकें आयोजित करना संविधान और एससी सीबी के फैसले के खिलाफ है. हम एक लोकतंत्र हैं. लोगों ने मंत्रिपरिषद का चुनाव किया. यदि आपके कोई प्रश्न हैं, तो कृपया अपने मंत्रियों से पूछें. अधिकारियों के साथ सीधी बैठक करने से बचें. लोकतंत्र का सम्मान करें, सर.”


दिल्ली का ‘बॉस’ कौन?


देश की राजधानी दिल्ली में सरकार का मतलब उपराज्यपाल है. क्योंकि केंद्र सरकार ने दोनों सदनों द्वारा पास किए गए बिल को राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद इसी साल अप्रैल में नोटिफाई कर दिया था. इसका मतलब यह हुआ कि यह कानून दिल्ली में लागू हो चुका है. इस कानून के लागू होने का मतलब साफ है कि दिल्ली में दिल्ली सरकार का कोई फैसला लेगी तो उसको बिना उपराज्यपाल की मंजूरी के लागू नहीं किया जा सकता.


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