नई दिल्ली: करतारपुर कॉरिडोर के शिलान्यास कार्यक्रम में शामिल होने के लिए कांग्रेस नेता और पंजाब सरकार में मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू आज पाकिस्तान रवाना हुए. वह वाघा बॉर्डर के रास्ते पाकिस्तान गए हैं. पाकिस्तान में करतारपुर कॉरिडोर का शिलान्यास कल (28 नवंबर) होगा. वहीं भारत में 26 नवंबर को गुरदासपुर में इस कॉरिडोर का उद्घाटन किया गया. इस मौके पर उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और अन्य नेता मौजूद थे. इस दौरान सिंह ने पाकिस्तान पर आतंकवाद फैलाने का आरोप लगाया.

उन्होंने भारत की तरफ से पाकिस्तान जाने वाले मंत्रियों पर कहा कि अगर उन्हें यह सही लगता है तो वह ऐसा कर सकते हैं. अमरिंदर ने कहा कि लेकिन व्यक्तिगत तौर पर मुझे लगता है कि हमें भारतीय जवानों और नागरिकों की भावनाओं के प्रति संवेदनशील होना चाहिए. हालांकि पंजाब के मुख्यमंत्री ने करतारपुर कॉरिडोर को बनाने के लिए आगे बढ़ने पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान का धन्यवाद दिया.

दरअसल, अमरिंदर सिंह को भी पाकिस्तान ने आमंत्रित किया था. लेकिन उन्होंने जाने से इनकार कर दिया. वहीं उन्हीं के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू पाकिस्तान का दौरा कर रहे हैं. पाकिस्तान ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को भी आमंत्रित किया है. केंद्र सरकार का कहना है कि भारत की तरफ से शिलान्यास कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी और हरसिमरत कौर बादल जाएंगे.

चार महीने में चार लेन का करतारपुर गलियारा सरहद तक पहुंचाने की तैयारी

दौरे से ठीक पहले नवजोत सिंह सिद्धू ने एबीपी न्यूज़ से बात करते हुए कहा कि करतारपुर कॉरिडोर खुलने से रिश्तों में मिठास घुलेगी. सिद्धू करतारपुर कॉरिडोर खोलने के लिए लंबे समय से मांग करते रहे हैं. वे जब इमरान खान के शपथ ग्रहण समारोह में शिरकत करने के लिए पाकिस्तान गये थे तो काफी विवाद हुआ था. उन्होंने पाकिस्तानी सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा को गले लगा लिया था. तब सिद्धू ने दावा किया था कि उन्होंने बाजवा से करतारपुर कॉरिडोर खोलने की अपील की थी. उसके बाद करतारपुर कॉरिडोर अधिक सुर्खियों में आया.

भारत-पाक रिश्तों में जुड़ा नया अध्याय, गुरदासपुर में करतारपुर कॉरीडोर का शिलान्यास

नवजोत सिंह सिद्धू ने कल कहा था, ''28 नबम्बर को गुरू नानक जी के वास्ते मैं कांटों के रास्तों पर चलकर पाकिस्तान जा सकता हूं. मैं तो सिख हूं और हम तो झप्पी के लिए जाने जाते हैं ऐसे में जनरल बाजवा से झप्पी भी काम कर गई. मैं तो उसकी झप्पी करूंगा जो मेरे नानक के वास्ते हैं.'' करतापुर कॉरिडोर बनने से सिखों का 70 साल लंबा इंतजार खत्म होगा. सिख तीर्थयात्री करतारपुर में रावी नदी के तट पर प्रतिष्ठित गुरुद्वारा दरबार साहिब का दौरा करने में सक्षम होंगे. सिख श्रद्धालुओं को बिना वीजा के पाकिस्तान में एंट्री मिलेगी, सिर्फ टिकट लेना होगा. करतारपुर साहिब गलियारे के निर्माण की मांग भारत दो दशक से करता आ रहा है, जहां गुरुनानक का निधन 1539 में हुआ था. यह धार्मिक स्थल भारतीय सीमा से दिखाई पड़ता है.