Bengaluru Metro pillar collapsed: निर्माणाधीन बेंगलुरु मेट्रो का एक पिलर गिरने से एक महिला और उसके बच्चे की मौत होने पर कर्नाटक हाईकोर्ट (Karnataka High Court) ने स्वत: संज्ञान लेकर जनहित याचिका दायर की है. जनहित याचिका पर सुनवाई शुरू करते हुए शुक्रवार, 13 जनवरी को हाईकोर्ट में मुख्य न्यायाधीश प्रसन्ना बी वराले (Prasanna B Varale) और न्यायमूर्ति अशोक एस किनागरी (Ashok S Kinagri) ने हादसे के बारे में न्‍यूज रिपोर्टों का जिक्र किया और चिंता जाहिर की. अब उन्‍होंने मेट्रो प्रोजेक्‍ट के सुरक्षा उपायों पर संबंधित अधिकारियों से जवाब मांगा है. 


हाईकोर्ट ने मेट्रो प्रोजेक्‍ट (Bengaluru Metro) से जुड़े अधिकारियों से निविदा दस्तावेजों में सुरक्षा उपायों को निर्दिष्ट किए जाने को लेकर भी जवाब मांगा है. कोर्ट ने यह भी पूछा है कि क्या राज्य सरकार ने सुरक्षा उपायों पर आदेश जारी किए और निर्माण-कार्य में शामिल ठेकेदारों और अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की थी?


बेंगलुरु में मेट्रो का पिलर गिरने से जानलेवा हादसा


बता दें कि 10 जनवरी को बेंगलुरु में एचबीआर लेआउट के पास निर्माणाधीन मेट्रो का एक पिलर टूटकर एक दुपहिया वाहन पर गिर गया था, जिससे एक महिला और उसके बच्चे की मौत हो गई थी. हादसे पर मुख्‍यमंत्री ने दुख जताया था और पीड़ित के लिए आर्थिक मदद का ऐलान किया था. 


अब इस मामले में हाईकोर्ट ने घटना की जवाबदेही के रूप में राज्य सरकार, ब्रुहत बेंगलुरु महानगर पालिका (BBMP) और बैंगलोर मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (BMRCL) को शामिल किया है. हाईकोर्ट ने प्रतिवादियों को नोटिस जारी करने का आदेश दिया और उसके बाद सुनवाई स्थगित कर दी.


कई इंजीनियर निलंबित किए गए


इस मामले में बैंगलोर मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (BMRCL) घटना की स्वतंत्र जांच कराने के लिए भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc) की मदद मांगी है और निर्माण-कार्य में शामिल अपने इंजीनियरों को भी निलंबित कर दिया है.


कई आरोपियों के खिलाफ हुई एफआईआर


वहीं, नागार्जुन कंस्ट्रक्शन कंपनी और BMRCL के एक उप मुख्य अभियंता और एक कार्यकारी अभियंता सहित 7 अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है.


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