नई दिल्ली: कर्नाटक विधानसभा चुनाव के आधिकारिक ऐलान से पहले बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने चुनाव की घोषणा कर दी. बीजेपी नेता ने ट्विट कर कहा कि 12 मई को वोट डाले जाएंगे और मतों की गिनती 18 मई को होगी. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि आखिर चुनाव आयोग के एलान से कुछ समय  पहले ही अमित मालवीय को तारीखों का पता कैसे चला?


इस मामले में चुनाव आयोग ने जांच के बाद कार्रवाई की बात कही है. वहीं कांग्रेस ने बीजेपी को 'सुपर इलेक्शन कमीशन' करार दिया है. विवाद बढ़ने के बाद मालवीय ने ट्विट डिलीट कर लिया.


चुनाव आयोग ने कहा-करेंगे जांच
कर्नाटक चुनाव को लेकर चुनाव आयोग ने पहले से तय समय पर प्रेस कांफ्रेंस किया. उससे ठीक पहले मालवीय ने तारीखों की जानकारी दी. चुनाव आयोग से जब अमित मालवीय के ट्वीट से सबंधित सवाल किये गये तो कहा कि उचित कार्रवाई की जाएगी. मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने कहा, ''यह गंभीर मामला  है, जांच के बाद सख्त कार्रवाई की जाएगी.''


चुनाव आयोग ने मंगलवार को कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए तारीखों की घोषणा की. कर्नाटक विधानसभा के लिए मतदान 12 मई को और चुनाव के नतीजों की घोषणा 15 मई को की जाएगी.


कांग्रेस ने बीजेपी को बताया- 'सुपर इलेक्शन कमीशन'
बीजेपी नेता के ट्विट को कांग्रेस ने हाथों-हाथ लिया. कांग्रेस ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा, ''बीजेपी चुनाव आयोग से पहले ही चुनाव की तारीखों का ऐलान कर देती है, बीजेपी अब 'सुपर इलेक्शन कमीशन' बन चुकी है.''


कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, ''चुनाव आयोग की विश्वसनीयता को ये सीधी चुनौती है. क्या चुनाव आयोग गोपनीय सूचना लीक करने के मामले में अमित शाह को नोटिस देगा और बीजेपी के आईटी सेल पर FIR दर्ज करवाएगा?''





उन्होंने कहा, ''बीजेपी ने चुनाव आयोग से पहले ही कर्नाटक के चुनावों की तारीखों का ऐलान किया. चुनाव आयोग की विश्वसनीयता को ये सीधी चुनौती है. प्रश्न यह है- 1.क्या संवैधानिक संस्थाओं का डेटा भी भाजपा चुरा रही है? 2. क्या चुनाव आयोग श्री अमित शाह को नोटिस देगा और बीजेपी के IT सेल पर FIR दर्ज करवाएगा?'