नई दिल्ली: कर्नाटक विधानसभा चुनाव से ठीक पहले लिंगायत समुदाय को अलग धर्म का दर्जा दिये जाने के कांग्रेस सरकार के फैसले के बाद बीजेपी को एक और झटका लगा है. लिंगायत समुदाय के चित्रादुर्गा मठ के संत शिवमूर्ति मुरुघा शारानरू ने बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को पत्र लिखकर लिंगायत को अल्पसंख्यक का दर्जा दिये जाने के राज्य सरकार के फैसले पर समर्थन मांगा है.
उन्होंने अपने पत्र में कहा, ''लिंगायत धर्म को अल्पसंख्यक का दर्जा दिये जाने से युवाओं को काफी लाभ होगा. अलग धर्म का दर्जा दिया जाना समुदाय को बांटने वाला नहीं है बल्कि लिंगायत के उप-जातियों को एकजुट करने वाला कदम है.''
अमित शाह ने बीजेपी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार बीएस येदियुरप्पा के साथ चित्रादुर्गा के प्रसिद्ध लिंगायत मठ के प्रमुख शिवमूर्ति स्वामी से मंगलवार को मुलाकात की थी. जिसके बाद शिवमूर्ति ने पत्र लिखा है.
आपको बता दें कि कर्नाटक दौरे पर गये बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने लिंगायत समुदाय को अलग धर्म का दर्जा दिये जाने के फैसले को हिंदू धर्म को बांटने वाला बताया था. उन्होंने मंगलवार को कहा था कि विधानसभा चुनाव में राज्य की जनता कांग्रेस के लिंगायत कार्ड का जवाब बैलट से देगी.
सोमवार को शाह ने शिद्धगंगा मठ में 110 वर्षीय लिंगायत संत, शिवकुमार स्वामी से मुलाकात की और अप्रैल-मई में होने वाले राज्य विधानसभा चुनाव में पार्टी की सफलता के लिए उनका आशीर्वाद लिया था.
कर्नाटक में हिंदुओं को बांटने की कोशिश कर रही है सिद्धारमैया सरकार: अमित शाह
अमित शाह से पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी कर्नाटक का कई बार दौरा कर चुके हैं. इस दौरान उन्होंने कई लिंगायत मठ का दौरा किया.
कांग्रेस का 'मास्टर स्ट्रोक' 19 मार्च को मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने लिंगायत और वीरशैव लिंगायत को एक अलग धर्म का दर्जा देने के निर्णय लिया था. और अपने फैसले को केंद्र की झोली में डाल दिया. केंद्र की मंजूरी के बाद ही लिंगायत को अलग धर्म का दर्जा मिल सकता है और केंद्र में बीजेपी की सरकार है
राज्य में लिंगायत समुदाय की आबादी 17 प्रतिशत है और ऐसा माना जा रहा है कि कांग्रेस सरकार ने यह कदम आगामी विधानसभा चुनाव में इस समुदाय को लुभाने के लिए उठाया. लिंगायत समुदाय के बीच बीजेपी की पकड़ अच्छी रही है. ऐसे में सिद्धारमैया सरकार के फैसले ने बीजेपी को मुश्किल में डाल दिया है. बीजेपी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार बीएस येदियुरप्पा लिंगायत समुदाय से हैं. उन्होंने भी कांग्रेस की पहल को हिंदू मतों को बांटने का प्रयास बताया है.
लिंगायत के बाद अब कोडावा समुदाय ने की अलग धर्म के दर्जे की मांग