कर्नाटक में कांग्रेस पार्टी के अंदर नेतृत्व को लेकर जारी घमासान अब स्पष्ट तौर पर दिखने लगा है. इस खींचतान को लेकर देश की राजधानी दिल्ली और बेंगलुरु दोनों जगहों पर मंगलवार सियासी उथल-पुथल मची है. राज्य के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार का समर्थन करने वाले पार्टी के छह से आठ विधायक रविवार (23 नवंबर, 2025) को देर रात पार्टी हाई कमान पर दबाव बनाने की कोशिश में दिल्ली पहुंचे. शिवकुमार गुट के विधायक पिछले एक हफ्ते में तीसरी बार दिल्ली की ओर कूंच कर चुके हैं. यह गुट पार्टी हाईकमान से मिलने की लगातार कोशिश कर रहे है. इसके साथ, उनकी यह मांग भी है कि पार्टी उनकी सभी शिकायतों और नेतृत्व से जुड़े सवालों पर स्पष्ट तौर पर जवाब दे. हालांकि, दिल्ली में कांग्रेस हाईकमान से समक्ष विधायकों के लामबंद होने की कोशिश ने यह साफ कर दिया है कि राज्य में संगठन के भीतर नेतृत्व को लेकर जारी संघर्ष अब और ज्यादा प्रबल हो गया है.

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सिद्धारमैया बेंगलुरु में बना रहे मजबूत रणनीति

वहीं, दूसरी ओर कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने डीके शिवकुमार के दांव को पलटने के लिए अपनी रणनीति को भी मजबूत करने में लगे हैं. सिद्धारमैया ने पार्टी के अंदर नेतृत्व को लेकर मचे घमासान के बीच सोमवार (24 नवंबर, 2025) को अपने कावेरी आवास पर बंद कमरे में बैठक बुलाई. सीएम सिद्धारमैया के नेतृत्व में आधे घंटे तक चली इस गुप्त बैठक में राज्य के मंत्री डॉ. जी परमेश्वर, एचसी महादेवप्पा, जमीर अहमद खान और उनके कानूनी सलाहकार ए. एस. पोन्ना शामिल थे.

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कर्नाटक के सियासी बवाल के बीच खरगे का बेंगलुरु में डेरा

जबकि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे जिन्हें दिल्ली लौटना था, उन्होंने राज्य में मचे इस सियासी बवाल के बीच बेंगलुरु में रुकने का प्लान बनाया है. राज्य के कई मंत्री और पार्टी के वरिष्ठ नेता कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से निजी तौर पर भेंट कर रहे हैं, जिससे यह स्पष्ट है कि खरगे पार्टी से पहले राज्य में मचे सियासी बवाल को शांत करने की कोशिश में जुटे हुए हैं.

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