Karnataka Politics: कर्नाटक विधानसभा चुनाव में छह महीनों से भी कम वक्त बचा है लेकिन इलेक्शन के पहले सूबे की बसवराज बोम्मई की बीजेपी सरकार आरोपों के बीच घिरती दिखाई दे रही है. ताजा मामला वोटर्स के डेटा चोरी का आरोप है. जहां बेंगलुरु के एक एनजीओ पर वोटर्स अवेयरनेस की आड़ में वोटर का डाटा चोरी करने का गंभीर आरोप लगा है. मामले के सामने आने के बाद कांग्रेस ने सत्ता पर काबिज बीजेपी पर आरोप लगाया है कि इस एनजीओ का सरकार में IT मंत्री अश्वत नारायण से लिंक है, कांग्रेस ने CM बसवराज बोम्मई और बीबीएमपी कमिश्नर के खिलाफ पुलिस केस दर्ज करया है.


दरअसल जिस एनजीओ ने वोटर अवेयरनेस की आड़ में वोटर्स का डाटा जुटाया है वो चिलुमे नाम का एनजीओ मल्लेश्वरम में है. जहां से आईटी मंत्री अश्वत नारायण विधायक भी है. इस एनजीओ ने बीबीएमपी से संपर्क कर कहा कि वह अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले वोटर जागरूकता अभियान चलाना चाहती है और वे यह काम नि:शुल्क करेंगे. इस बाबत बीबीएमपी कमिश्नर जो कि जिला निर्वाचन अधिकारी भी हैं, उन्होंने 20 अगस्त को एनजीओ को जागरूकता अभियान चलाने और चुनाव अधिकारी की मौजूदगी में वोटर्स लिस्ट चेक करने की इजाजत दी.


एनजीओ पर क्या आरोप लगा?
इस एनजीओ पर पहला आरोप ये लगा कि इसने अपने फील्ड ऑफिसर को ब्लॉक लेवल ऑफिसर की फर्जी सरकारी आईडी कार्ड बनाकर दी जिसकी मदद से उन्होंने वोटर्स अवेयरनेस के नाम पर वोटर्स का सारा क्रिटीकल डाटा जमा किया था. इस डाटा को बीबीएमपी या फिर इलेक्शन कमिशन के साथ शेयर करने की बजाय डिजिटल समीक्षा नाम के अपने ही एक ऐप में अपलोड कर दिया गया. साथ ही यह संस्था 2 और कंपनियां चलाती हैं जो कि पॉलिटिकल पार्टी और नेताओं के चुनाव मैनेजमेंट का काम करते हैं. 


इससे पहले इस एनजीओ ने पहले महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र में ये काम किया जिसके बाद इसे बेंगलुरु की सभी 28 सीटों का काम सौंपा गया. जब ये बात जानकारी में आई तो बीबीएमपी ने आनन फानन में एक्शन लिया और बुधवार को एक प्रेस रिलीज जारी कर इस बात की जानकारी दी कि चूंकि इस एनजीओ ने नियमों की अनदेखी की इसलिए उनको दिए गए काम को रद्द किया जाता है. 


कांग्रेस ने बोम्मई सरकार पर क्या आरोप लगाया?
कांग्रेस बोम्मई सरकार पर पहले से 40% कमीशन का आरोप लगा रही थी उसका कहना है कि उनको दो महीने पहले ही इस घोटाले की जानकारी मिल गई थी और अब वो सबूत जुटा रहे हैं. बेंगलूरू के मुस्लिम बाहुल्य इलाके शिवाजी नगर में इस एनजीओ की टीम के लोग फर्जी ब्लॉक ऑफिसर बनकर आए और सिर्फ उन लोगों को टारगेट किया जो कांग्रेस समर्थक हो सकते हैं.


इनमें से कई मुस्लिम लोगों के नाम वोटर लिस्ट से डिलीट कर दिए गये ताकि वे कांग्रेस के पक्ष में वोट नहीं दे पाएं साथ ही एक खाली घर की भी स्पेसिफिक मैपिंग की गई ताकि बाहरी लोगों को यहां जोड़ा जा सके. कांग्रेस के शिवाजी नगर से MLA रिजवान अरशद ने इस बात का पता सबसे पहले लगाया था. कांग्रेस के नेता आरोप लगा रहे हैं कि उन्हें शक है कि BJP इस काम को पूरे राज्य में कर रही है ताकि वो इलेक्शन जीत सके.


क्या है कांग्रेस की मांग?
इस बीच अब कांग्रेस ने मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई और बीबीएमपी कमिश्नर के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज करने के साथ साथ हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस से इस मामले की जांच करने की मांग की है. उधर इस मामले पर आरोपों को देखते हुए मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा कि बिना किसी सुबूत के कांग्रेस आरोप लगा रही है ये कांग्रेस का दिवालियापन है. मल्लेश्वरम से विधायक और आईटी मंत्री अश्वथ नारायण ने कहा कि ये इलेक्शन कमीशन का काम है और पार्टी या फिर उनका का इससे कोई लेना देना नहीं है.


कांग्रेस के आरोप पर क्या बोले सीएम?
पूरे मामले पर कांग्रेस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सीएम के इस्तीफे की मांग की है.  कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि बेंगलुरु शहर में घर-घर जाकर मतदाताओं की जानकारी एकत्र कराने के लिए बोम्मई सरकार द्वारा निजी संस्था को काम सौंपा जाना एक चुनावी कदाचार है. तो वहीं सीएम बसवराज बोम्मई ने इस आरोप को निराधार करार देते हुए कहा कि विपक्षी कांग्रेस ‘दिवालिया विचार’ से ग्रस्त है और इसके चलते वह किसी सबूत के बिना इस तरह के आरोप लगा रही है.