Continues below advertisement

कर्नाटक में सत्ता परिवर्तन को लेकर मचा सियासी घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है. मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के बीच जारी प्रत्यक्ष और परोक्ष जुबानी जंग ने कांग्रेस आलाकमान की चिंता बढ़ा दी है. राज्य की सत्ता पर 'कौन बैठेगा' का सवाल फिलहाल अनसुलझा है, लेकिन अब इस पूरे विवाद के फैसले की चाबी राहुल गांधी के हाथ में पहुंच चुकी है.

सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने दोनों नेताओं सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार को साफ संकेत दे दिए हैं कि अंतिम निर्णय पार्टी हाईकमान ही लेगा. उन्होंने यह भी बताया है कि सोनिया गांधी इन दिनों देश से बाहर हैं और उनके लौटने के बाद नेतृत्व परिवर्तन पर अंतिम चर्चा होगी. इसके बाद राहुल गांधी ये तय करेंगे कि मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बदलाव होगा या सिद्धारमैया ही पद पर बने रहेंगे.

Continues below advertisement

राहुल के निर्णय पर टिकी सबकी निगाहें

कर्नाटक में नेतृत्व को लेकर चल रही इस रस्साकशी ने न सिर्फ राज्य की राजनीति में हलचल बढ़ा दी है. बल्कि कांग्रेस संगठन के भीतर भी असमंजस की स्थिति पैदा कर दी है. फिलहाल सभी की निगाहें राहुल गांधी के फैसले पर टिक गई हैं, जो यह निर्धारित करेगा कि कर्नाटक की कमान किसके हाथ में होगी.

डीके शिवकुमार या सिद्धारमैया, कर्नाटक कांग्रेस में कौन ज्यादा मजबूत

अगर कर्नाटक के मौजूदा हालात को देखें तो सिद्धारमैया कांग्रेस के सबसे मजबूत नेता हैं. वे अहिंदा समुदाय से हैं. उनके पास 137 में से 100 से ज्यादा विधायकों का मजबूत समर्थन भी है. लिहाजा ऐसी स्थिति में उनकी सहमति के बिना किसी भी तरह का बदलाव थोड़ा मुश्किल होगा.

दूसरी ओर डीके शिवकुमार और उनके खेमे पर दबाव बढ़ रहा है. अहम बात यह भी है कि कांग्रेस के अंदर डीके की दावेदारी आंतरिक समर्थन की वजह से अस्थिर नजर आ रही है. हालांकि कर्नाटक की कुर्सी का आखिरी फैसला कांग्रेस का हाईकमान ही करेगा, यह स्पष्ट हो चुका है