Himanta Biswa Sarma on Polygamy: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने गुरुवार को राज्य विधानसभा में शिक्षा और सामाजिक सुधार को लेकर दो महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं. उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने मेट्रिक छात्रों के लिए नई योजना शुरू की है, जिसके तहत परीक्षाओं तक हर छात्र को 300 रुपये प्रति माह की आर्थिक सहायता दी जाएगी. इसके साथ ही महाविद्यालयों में छात्रों को निःशुल्क प्रवेश (फ्री एडमिशन) की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी.
मुख्यमंत्री ने असम प्रोहिबिशन ऑफ पॉलिगामी बिल, 2025 को लेकर बड़ा बयान दिया. उन्होंने स्पष्ट कहा कि राज्य में अब बहुविवाह (Polygamy) को पूरी तरह प्रतिबंधित किया जाएगा और यदि कोई व्यक्ति एक शादी के बाद दूसरी शादी करने की कोशिश करता है, तो उसे 7 साल की सजा मिलेगी. वहीं यदि कोई व्यक्ति अपनी पहली शादी की जानकारी छिपाकर दूसरी शादी करता है, तो उसे 10 साल की सजा दी जाएगी.
असम प्रोहिबिशन ऑफ पॉलिगामी बिल 2025 हुआ पारित
असम विधानसभा ने गुरुवार को ‘असम प्रोहिबिशन ऑफ पॉलिगामी बिल 2025’ को सर्वसम्मति से पारित कर दिया. इस नए कानून के तहत राज्य में एक से अधिक विवाह करना अपराध माना जाएगा और दोषियों को 10 साल तक की सजा, जुर्माना और कई तरह के कानूनी प्रतिबंधों का सामना करना पड़ेगा. कानून के अनुसार दोषी व्यक्ति को सरकारी नौकरी नहीं मिलेगी, वह निकाय चुनाव नहीं लड़ सकेगा और राज्य की किसी भी योजना का लाभ भी नहीं उठा सकेगा. हालांकि, अनुसूचित जनजाति (एसटी) वर्ग और छठी अनुसूची के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों को इस कानून के दायरे से बाहर रखा गया है.
हो सकती है 10 साल की सजा
विधेयक में बहुविवाह को इस रूप में परिभाषित किया गया है कि यदि कोई व्यक्ति अपनी पहली शादी कानूनी रूप से समाप्त किए बिना दूसरी शादी करता है, तो यह अपराध माना जाएगा और इसके लिए 7 साल तक की सजा तथा जुर्माना लगाया जाएगा. वहीं, यदि कोई अपनी मौजूदा शादी को छिपाकर दोबारा विवाह करता है, तो उसके लिए 10 साल की सजा का प्रावधान है. इसके अलावा पीड़ित पक्ष को 1.40 लाख रुपये मुआवजे का भी प्रावधान रखा गया है. मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि यह विधेयक महिलाओं की सुरक्षा और सामाजिक सुधार की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है, जो राज्य में मजबूत सामाजिक संदेश देने का काम करेगा.