Karnataka Government Corruption Allegations: कर्नाटक में इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं. बसवराज बोम्मई सरकार चुनावों को लेकर पूरी तरह से तैयार भी है. हालांकि, चुनावी साल में सरकार भ्रष्टाचार के कई मामलों में घिरती हुई नजर आ रही है. बीजेपी विधायक मदन विरुपाक्षप्पा के गिरफ्तार बेटे प्रशांत के घर से लगभग 6 करोड़ रुपये कैश बरामद हुआ है. इस मामले को विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने खूब उठाया और सत्तारूढ़ बीजेपी सरकार पर हमला करने में कोई कसर नहीं छोड़ी.


कांग्रेस बीते काफी समय से कर्नाटक में कमीशन के मुद्दे को उठा रही है. कांग्रेस का आरोप है कि सरकारी कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने के लिए सरकार कमीशन ले रही है और रिश्वत खा रही है. कांग्रेस ने सीएम बोम्मई और राज्य बीजेपी चीफ नलिनकुमार कटील के इस्तीफे की मांग की है. पूर्व सीएम सिद्धारमैया सहित पार्टी के कई नेताओं ने कहा है कि प्रशांत से 6 करोड़ रुपये की वसूली इस बात को साबित करती है कि बोम्मई सरकार भ्रष्ट है. चलिए अब आपको भ्रष्टाचार के सभी मामलों के बारे में बताते हैं.


MLA के बेटे के घर से मिला 6 करोड़ कैश


बीजेपी विधायक मदल विरुपक्षप्पा के बेटे को कर्नाटक सरकार के भ्रष्टाचार रोधी लोकायुक्त ने 40 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया. विधायक के आवास की तलाशी में छह करोड़ रुपये नकद मिले. बीजेपी विधायक के बेटे प्रशांत मदल को 2 मार्च को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा गया था. उसकी गिरफ्तारी के बाद, लोकायुक्त के अधिकारियों ने उसके आवास और कार्यालयों की तलाशी ली. भ्रष्टाचार विरोधी निगरानी संस्था बीजेपी विधायक मदल के पिता को भी पूछताछ के लिए बुला सकती है.


गुड़ के निर्यात में घोटाला?


इससे पहले, 1 मार्च को कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक प्रियांक खरगे ने बसवराज बोम्मई के नेतृत्व वाली कर्नाटक सरकार पर गुड़ के निर्यात में घोटाला करने का आरोप लगाया. खड़गे ने कहा कि मुंबई की एक निजी कंपनी केएन रिसोर्सेज ने आवश्यक दस्तावेज के बिना 2,00,000 टन गुड़ के निर्यात की अनुमति का अनुरोध किया था.


खरगे ने दावा किया कि बीजेपी सरकार ने राज्य के बजट में उत्पाद शुल्क से 39,000 करोड़ रुपये टैक्स का टारगेट रखा था, लेकिन इसकी वजह से आर्टिफिशियल गुड़ की कमी पैदा की जा रही है. इसके अलावा, केएन रिसोर्सेज ने 36 महीनों के लिए जीएसटी का भुगतान नहीं किया था, लेकिन फिर भी गुड़ के निर्यात की अनुमति प्राप्त की.


रिश्वत के आरोप, ऑडियो क्लिप किया जारी


इसी साल, 16 जनवरी को कर्नाटक स्टेट कॉन्ट्रैक्टर्स एसोसिएशन के प्रमुख मंजूनाथ ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया कि सरकार के कई मंत्री और विधायक रिश्वत की मांग करते हैं. उन्होंने कहा कि उनके पास ऑडियो क्लिप और व्हाट्सएप मैसेज भी हैं. उन्होंने विशेष रूप से चित्रदुर्ग के बीजेपी विधायक जीएच थिप्पारेड्डी पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया और उनकी बातचीत का एक ऑडियो क्लिप जारी किया. उसी दिन, मंजूनाथ ने आरोप लगाया कि उन्होंने राज्य में विभिन्न निर्माण और विकास परियोजनाओं के लिए 2019-2022 से बीजेपी विधायक टिप्पा रेड्डी को 90 लाख रुपये की रिश्वत दी थी.


मान्यता प्रमाण पत्र देने के लिए रिश्वत, PM को लिखा पत्र


पिछले साल, 27 अगस्त को कर्नाटक में 13,000 से अधिक स्कूलों का प्रतिनिधित्व करने वाले दो संघों ने बसवराज बोम्मई के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा था. प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों के एसोसिएटेड प्रबंधन और पंजीकृत गैर-सहायता प्राप्त निजी विद्यालय प्रबंधन संघ ने पीएम मोदी से पत्र में कहा था कि राज्य शिक्षा विभाग मान्यता प्रमाण पत्र के लिए कथित रूप से रिश्वत मांग रहा है.


'टेंडर अमाउंट में 30 प्रतिशत कमीशन मांगा'


24 अगस्त, 2022 को कर्नाटक कॉन्ट्रैक्टर्स एसोसिएशन ने घोषणा की कि वे 40 प्रतिशत कमीशन शुल्क के संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक और पत्र लिखेंगे. एसोसिएशन ने दावा किया कि मंत्री, निर्वाचित प्रतिनिधि और अन्य कॉन्ट्रैक्ट को मंजूरी देने के लिए टेंडर अमाउंट का 30 प्रतिशत तक और लंबित बिलों के खिलाफ 'लेटर ऑफ क्रेडिट' जारी करने के लिए 5-6% की मांग कर रहे थे. इन आरोपों को लेकर एसोसिएशन ने पहले जुलाई 2021 में प्रधानमंत्री को पत्र लिखा था.


लिंगायत संत ने लगाए गंभीर आरोप


वहीं, 19 अप्रैल को बालेहोसुर मठ के लिंगायत संत डिंगलेश्वर स्वामीजी ने कर्नाटक सरकार के अधिकारियों पर धन जारी करने के लिए मठों से 30 प्रतिशत कमीशन की मांग करने का आरोप लगाया. उन्होंने बागलकोट जिले में संकल्प यात्रा कार्यक्रम के दौरान बयान दिया था. डिंगलेश्वर स्वामीजी के आरोपों की जांच का आश्वासन खुद मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने दिया था.


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