Karnataka Assembly Elections 2023: कर्नाटक में करीब एक हफ्ते के बाद होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियां सभी पार्टियों के साथ-साथ निर्वाचन आयोग (ईसीआई) की ओर से भी की जा रही है. कर्नाटक में पहली बार वोट-फ्रॉम-होम के ऑप्शन की घोषणा करने के बाद चुनाव आयोग ने रविवार (30 अप्रैल) से इस अभियान की शुरूआत कर दी है.


चुनाव आयोग ने राज्य भर में 80 से अधिक उम्र के बुजुर्गों को और विशेष रूप से दिव्यांग लोगों के लिए अपने घर पर रहकर मतदान करने की व्यवस्था की है. चुनाव आयोग और मतदान एजेंटों की 5 सदस्यीय टीम उनके घर का दौरा करेगी और उनसे मतदान करवाएगी. वहीं इस दायरे में आने वाले सभी मतदाता इस प्रक्रिया के माध्यम से 6 मई तक मतदान कर सकेंगे.


'वोट फ्रॉम होम' में कैसे की जाएगी वोटिंग
कर्नाटक के जिन मतदाताओं ने वोट-फ्रॉम-होम का विकल्प चुना है. उन्हें अपने घर पर रहते हुए ही मतदान की सारी सुविधा मिलेगी और वे अपनी स्वेच्छा से बैलेट पेपर के माध्यम से वोट कर सकते हैं. इन सबको कदाचार मुक्त मतदान करवाने के लिए चुनाव आयोग ने पोलिंग एजेंटों की 5 सदस्यीय टीम नियुक्त की है. जिनमें दो मतदान अधिकारी, एक ऑब्जर्वर और पार्टी एजेंटो के साथ पुलिस दल भी मौके पर मौजूद रहेगा. मतदान पूरा होने के बाद बैलेट बॉक्स को सुरक्षित स्ट्रांग रुम में रखवा दिया जाएगा.






चुनाव आयोग की तरफ से इस पूरी प्रक्रिया को पारदर्शिता से करवाने के लिए एक वीडियोग्राफर भी नियुक्त किया गया है, जिससे की इस पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी की जाए. निर्वाचन क्षेत्रों के आधार पर प्रत्येक वार्ड में अलग-अलग टीमें इन व्यक्तियों के घरों में बैलेट पेपर लेकर जाएंगी और उनके वोट एकत्र करेंगी. उम्मीदवारों के पोलिंग एजेंटों को पहले से सूचित किया जाएगा. जिससे कि वे अधिक से अधिक पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए मतदान प्रक्रिया के दौरान भी मौजूद रहेंगे.


5% से भी कम लोगों ने इसका लाभ उठाया
कर्नाटक की मतदाता सूची के अनुसार मार्च 2023 तक राज्य में 80 से 99 आयु वर्ग के 12.2 लाख लोग बुजुर्ग हैं. वहीं, विशेष रूप से दिव्यांग लोगों की संख्या प्रदेश में 5.6 लाख है. इसके साथ अगर 100 साल के ऊपर के लोगों के आंकड़े देखे तो यहां 16 हजार से अधिक मतदाता है. जिसमें सबसे अधिक बेंगलुरु में 8,500 से अधिक वरिष्ठ नागरिकों और 100 से अधिक शारीरिक अक्षमता (दिव्यांग) वाले लोगों ने 'वोट फ्रॉम होम' के लिए नामांकन किया है. हालांकि, इसके बावजूद लक्षित जनसंख्या के 5% से भी कम लोगों ने इसका लाभ उठाया है.


कर्नाटक के सभी 224 विधानसभा सीटों के लिए करीब 10 दिन बाद यानी की 10 मई को मतदान की जाना है, जिसके तीन दिन बाद 13 तारिख को मतगनणा कर चुनाव नतीजे घोषित  किये जाएंगे. 


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