पांचों राज्यों में करारी हार के साथ ही कांग्रेस में एक बार फिर बगावत के सिर उठा रहे हैं. कल कपिल सिब्बल के घर पर G23 के नेताओं की मीटिंग होनी है. दरअसल अब कांग्रेस के अंदर ही गांधी हटाओ अभियान शुरू हो गया है. एक इंटरव्यू में कपिल सिब्बल ने कहा है कि वक्त आ गया है कि गांधी परिवार नेतृत्व छोड़ दे और किसी दूसरे शख्स को मौका दे.
सिब्बल ने कहा कि उन्हें खुद ही हटना होगा, क्योंकि उनकी बनाई हुई संस्था उन्हें कभी ये नहीं कहेगी कि उन्हें नेतृत्व से हटना चाहिए. कुछ लोग घर की कांग्रेस चाहते हैं, लेकिन मैं निश्चित रूप से घर की कांग्रेस नहीं चाहता और मैं आखिरी सांस तक सबकी कांग्रेस के लिए लड़ता रहूंगा. कपिल सिब्बल का ये बयान ऐसे वक्त में आया है, जब चुनावों की हार के बाद कांग्रेस कार्यसमिति की मीटिंग हो चुकी है और पार्टी के नेताओं ने गांधी परिवार पर भरोसा जताया है.
कपिल सिब्बल ने ये भी कहा है कि हम ये मानते हैं कि सोनिया गांधी कांग्रेस अध्यक्ष हैं न कि राहुल गांधी. राहुल पंजाब गए और चन्नी को मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित कर दिया. किस हैसियत से? वो अध्यक्ष नहीं हैं, लेकिन सारे फैसले लेते हैं. सच ये है कि वो अघोषित अध्यक्ष हैं तो फिर कांग्रेस की डोर उसने अपने हाथ में लेने को क्यों कहा जा रहा है?
कपिल सिब्बल के बयान पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि कपिल सिब्बल जी कांग्रेस की संस्कृति के व्यक्ति नहीं है. वे बहुत बड़े वकील हैं. कांग्रेस में उनकी एंट्री हो गई. सोनिया गांधी के आशीर्वाद और राहुल गांधी के सहयोग से उनको केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह मिली. उनके मुंह से ऐसे अल्फ़ाज़ निकलना दुर्भाग्यपूर्ण है.
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