Kanpur Violence: कानपुर में बीते शुक्रवार को भड़की हिंसा की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है कई नए चेहरे सामने आ रहे है. हिंसा का एसपी कनेक्शन भी सामने आ रहा है. तो वहीं दूसरी तरफ कानपुर हिंसा के मुख्य आरोपी हयात जफर हाशमी की पुलिस रिमांड को लेकर आज फैसला आ सकता है. यूपी पुलिस ने जफर हाशमी को 14 दिन की रिमांड में लेकर पूछताछ करना चाहती है. हयात जफर हाशमी पर कानपुर में हिंसा फैलाने और लोगों को भड़काने का आरोप है. इस बीच यूपी पुलिस कानपुर के पांच मुस्लिम बहुल इलाकों की ड्रोन के जरिए निगरानी रख रही है. कानपुर हिंसा की जांच कर रही है पुलिस पकड़े गए आरोपियों के मोबाइल फोन और व्हाट्स एप भी खंगाल रही है. जैसे जैसे जांच आगे बढ़ रही है नए चेहरे सामने आ रहे है. हिंसा के मास्टर माइंड हयात जफर हाशमी के मोबाइल में कई व्हाट्स एप ग्रुप में मिले है.


हिंसा का क्या है सपा कनेक्शन?


इस व्हाट्स एप ग्रुप में समाजवादी पार्टी के कानपुर से विधायक इरफान सोलंकी, सपा विधायक अमिताभ बाजपेयी का भी नाम सामने आया है.  सवाल उठ रहा है कि ये एक ऐसा ग्रुप है जिससे लोगों को भड़काने की कोशिश की जा रही है, उस ग्रुप में समाजवादी पार्टी के नेताओं का नाम कैसे है. बीजेपी ने समाजवादी पार्टी नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.


कानपुर हिंसा में ईडी की एंट्री


कानपुर हिंसा मामले में जल्द ही ईडी (ED) की एंट्री होने वाली है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक कानपुर पुलिस ईडी को जफर हयात के बैंक एकाउंट और पैसे की डिटेल देने की तैयारी कर रही है. इसके साथ ही पुलिस पीएफआई (PFI) से जुड़े लोगों के पैसे और फंडिग (Funding) की भी जानकारी साझा करेगी. पीएफआई कनेक्शन (PFI Connection) को लेकर पुलिस (Police) ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. इन तीनों की पहचान सैफुल्लाह, मोहम्मद नसीम और मोहम्मद उमर के रूप में हुई है. ये तीनों आरोपी सीएए (CAA) और एनआरसी (NRC) के दंगों में भी शामिल थे और जेल भेजे गए थे.




जो जानकारी सामने आई है उसके मुताबिक ये तीनों हिंसा के मुख्य साजिशकर्ता जफर हयात हाशमी के संपर्क में थे. इन लोगों ने ही पिछले शुक्रवार को हुई हिंसा में पत्थरबाजों को जुटाने का काम भी किया था. अभी तक पुलिस ने कानपुर हिंसा मामले में 50 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इनमें से कुछ नाबालिग भी हैं. तो वहीं कुछ लोगों ने खुद को सरेंडर भी किया है.


बवाल से पहले जौहर फैंस एसोसिएशन के खातों में फंडिंग के सुराग पुलिस के हाथ लगे हैं. पुलिस और एटीएस  मामले की संयुक्त जांच कर रही है. हालांकि इसपर आधिकारिक तौर पर कोई अफसर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है. ये भी जानकारी मिली है कि इन्हीं खातों में सीएए-एनआरसी विरोध में हुए बवाल के दौरान भी फंडिंग हुई थी. गौरतलब है कि एक डिबेट के दौरान नुपूर शर्मा की तरफ से पैगंबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी के कानपुर में जुमे की नमाज के बाद यह हिंसा भड़की थी. उस दौरान पत्थरबाजी की भी घटना हुई थी.


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