नई दिल्ली: दिल्ली की सरकार ने जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष और लेफ्ट नेता कन्हैया कुमार कुमार के खिलाफ देशद्रोह का केस चलाने की अनुमति दे दी. इसपर कन्हैया कुमार ने दिल्ली सरकार का धन्यवाद किया. उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस और सरकारी वकीलों से आग्रह है कि इस केस को अब गंभीरता से लिया जाए.


कन्हैया कुमार ने ट्वीट किया, ''दिल्ली सरकार को सेडिशन केस की परमिशन देने के लिए धन्यवाद. दिल्ली पुलिस और सरकारी वक़ीलों से आग्रह है कि इस केस को अब गंभीरता से लिया जाए, फॉस्ट ट्रैक कोर्ट में स्पीडी ट्रायल हो और TV वाली ‘आपकी अदालत’ की जगह क़ानून की अदालत में न्याय सुनिश्चित किया जाए. सत्यमेव जयते.''





एक दूसरे ट्वीट में उन्होंने कहा, ''सेडिशन केस में फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट और त्वरित कार्रवाई की जरुरत इसलिए है ताकि देश को पता चल सके कि कैसे सेडिशन क़ानून का दुरूपयोग इस पूरे मामले में राजनीतिक लाभ और लोगों को उनके बुनियादी मसलों से भटकाने के लिए किया गया है.''


आप नेता राधव चड्ढा का बयान


आप नेता राधव चड्ढा ने कहा कि दिल्ली सरकार के कानूनी विभाग ने ड्यू डिलिजेंस के बाद दिल्ली सरकार के गृह विभाग को अपनी राय दी और मंजूरी दी. दिल्ली सरकार ने पिछले 5 सालों में किसी के भी अभियोजन स्वीकृति को नहीं रोका है. हम ये मानते हैं कि सरकार एजेंसी या अथॉरिटी नहीं है जिसे मामले की योग्यता पर फैसला लेना चाहिए. ये कोर्ट और न्यायपालिका का मामला है, वही इसपर अंत में फैसला ले सकती है.


पुलिस ने 2016 के इस मामले में कुमार के साथ ही जेएनयू के पूर्व छात्रों उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया था. पुलिस ने कहा था कि आरोपियों ने नौ फरवरी, 2016 को जेएनयू परिसर में एक कार्यक्रम के दौरान जुलूस निकाला और वहां कथित रूप से लगाये गये देश-विरोधी नारों का समर्थन किया था. बता दें कि बीते दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने आम आदमी पार्टी पर इस मुद्दे को लेकर खूब निशाना साधा. बीजेपी ने आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार ने कन्हैया कुमार के केस वाला फाइल आगे नहीं बढ़ाया है.