Supreme Court On Kaali Poster: फिल्म काली के पोस्टर विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार (20 जनवरी) को सुनवाई हुई. मामले पर फिल्म मेकर लीना मणिमेकलाई को बहुत बड़ी राहत मिली है. कोर्ट ने उन पर दर्ज सभी मामलों में गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है. मामले में चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने राज्यों को नोटिस भी जारी किया है.


इस मामले में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड और दिल्ली समेत कई जगहों पर लीना के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई थी. उन पर हिंदुओं की भावनाओं को आहत करने का आरोप लगा है. चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने राज्यों को नोटिस जारी करते हुए कहा है कि फिल्म निर्माता के खिलाफ पहले से दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर या किसी भी प्राथमिकी के आधार पर कोई कठोर कदम नहीं उठाया जाएगा. इस स्तर पर कई राज्यों में एफआईआर दर्ज करने से लीना के लिए गंभीर पूर्वाग्रह पैदा हो सकता है. इसके साथ ही कोर्ट ने सभी राज्यों को नोटिस जारी करके जवाब भी मांगा है, जिससे कि सभी मामलों को एक जगह पर कंपाइल किया जा सके.


क्या कहा लीना की वकील ने?


वहीं, याचिकाकर्ता लीना की ओर से वकील कामिनी जायसवाल कोर्ट में पेश हुईं. उन्होंने कहा कि लीना का इरादा किसी धर्म की भावना को ठेस पहुंचाने का नहीं था. वो सिर्फ अपने प्रोजेक्ट पर काम कर रही थीं. ऐसे में उनके खिलाफ अलग-अलग राज्यों में दर्ज मामलों को एक कर दिया जाए और फिर उन्हें रद्द कर दिया जाए. अब कोर्ट ने याचिकाकर्ता की इसी मांग को लेकर राज्यों से जवाब मांगा है. मामले की सुनवाई 20 फरवरी को होगी. तब तक किसी भी राज्य की पुलिस लीना के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर सकती है.


क्या है मामला?


ये पूरा मामला पिछले साल का है. फिल्म मेकर लीना ने अपनी डॉक्यूड्रामा का पोस्टर जारी किया था, जिसमें एक एक्ट्रेस को देवी काली मां के रूप में दिखाया गया और वो सिगरेट भी पी रही थी. लीना ने मां काली के रूप को सिगरेट पीते हुए दिखाया, जिसके बाद लोगों की भावनाएं भड़क गईं. लोगों ने राज्यों में उनके खिलाफ प्रदर्शन किए और शिकायतें भी दर्ज कराईं.


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