Justice MR Shah Retired: सुप्रीम कोर्ट के जज एमआर शाह सोमवार (15 मई) को रिटायर हो गए. जस्टिस शाह साल 2018 में एक कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की तारीफ के चलते कुछ लोगों के निशाने पर आ गए थे. उन्हें कथित तौर पर सरकार समर्थक कहा गया था. हालांकि, रिटायरमेंट के बाद जस्टिस शाह ने कहा है कि वह आज भी अपने बयान पर कायम हैं और कुछ लोगों की आलोचना की चिंता नहीं करते.
जस्टिस एमआर शाह ने साल 2018 में गुजरात हाई कोर्ट के डायमंड जुबली समारोह में हिस्सा लिया था. इस दौरान उन्होंने पीएम मोदी को मोस्ट पॉपुलर, लोकप्रिय, वाइब्रेंट और विजनरी नेता कहा था. इंडिया टुडे से बातचीत में जस्टिस शाह ने कहा कि उनका विवेक स्पष्ट था और उनके फैसले कभी भी व्यक्तिगत विचारों से प्रभावित नहीं हुए.
'पछतावे का सवाल ही नहीं'
जस्टिस एमआर शाह ने कहा, "कोई भी एक उदाहरण नहीं दे सकता है जो ये दिखाए कि इसने (बयान) न्यायिक पक्ष पर मेरे निर्णय लेने को प्रभावित किया है. जिनके पास करने के लिए कुछ नहीं है वे न्यायाधीशों की आलोचना करते हैं." बयान पर किसी तरह से दुख या पछतावे को लेकर कहा, इसमें पछतावे की क्या बात है. मैंने क्या गलत कहा है?
नरेंद्र मोदी के साथ रिश्तों पर भी बोले
जस्टिस शाह गुजरात हाईकोर्ट में भी जज रहे हैं. उस दौरान गुजरात के मुख्यमंत्री रहे नरेंद्र मोदी के साथ कामकाजी रिश्ते को लेकर उन्होंने कहा, न्यायिक पक्ष में एक साथ काम करने का सवाल ही नहीं है. एक न्यायाधीश के रूप में अपने पूरे करियर में, उनके राजनेताओं के साथ करीबी संबंध नहीं थे और उन्होंने अपना कर्तव्य 'बिना किसी भय, पक्षपात या दुर्भावना के' निभाया.
शाह ने कहा, "मैंने सरकार के खिलाफ कई फैसले पारित किए हैं. जब हम निर्णय देते हैं तो हम इस बात पर विचार नहीं करते हैं कि सरकार में कौन है, बल्कि यह देखते हैं कि क्या यह देशहित में है."
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