नई दिल्ली : न्यायमूर्ति जगदीश सिंह खेहर ने बुधवार को भारत के प्रधान न्यायाधीश के पद की शपथ ली. राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने राष्ट्रपति भवन में खेहर को पद की शपथ दिलाई. खेहर न्यायमूर्ति तीरथ सिंह ठाकुर के स्थान पर इस पद पर नियुक्त हुए हैं. खेहर देश के 44वें और पहले सिख प्रधान न्यायाधीश हैं. उनका कार्यकाल सात महीने से थोड़ा अधिक होगा.


भारत के 44वें मुख्य न्यायाधीश बने जस्टिस जगदीश सिंह खेहर का परिचय इस पद पर पहुंचे पहले सिख के तौर पर दिया जा रहा है. लेकिन, जस्टिस खेहर की पहचान इससे बहुत बड़ी है. न्यायिक गलियारों में उन्हें पहचाना जाता है सख्त फैसले लेने वाले एक नर्म मिज़ाज़ जज के तौर पर, वो सम्मानित हैं अपनी विद्वता और ईमानदारी के लिए.

सितंबर 2011 में सुप्रीम कोर्ट के जज बने जस्टिस खेहर का अब तक का सबसे बड़ा फैसला रहा राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग यानी एनजेएसी को रद्द करना. सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के जजों की नियुक्ति की व्यवस्था में बदलाव के लिए संसद से पास कानून को उनकी अध्यक्षता वाली 5 जजों की बेंच ने असंवैधानिक करार दिया था. बेंच ने माना कि जजों की नियुक्ति में राजनीतिक दखल न्यायपालिका की स्वायत्तता का हनन है.

जस्टिस जे एस खेहर न्यायपालिका के सम्मान के लिए सख्त फैसले लेने में कभी नहीं चूके हैं. सेबी-सहारा विवाद में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के पालन में लगातार टालमटोल कर रहे सहारा प्रमुख सुब्रत राय को उन्हीं की बेंच ने जेल भेजा था. पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट में जज रहते उन्होंने सिख की परिभाषा को लेकर उठे विवाद पर ऐतिहासिक फैसला दिया था. उनका फैसला था कि केश कटवाने का मतलब सिख धर्म के बुनियादी सिद्धांत को तोड़ना है.

ऐसा करने वाले किसी सिख संस्थान में बतौर सिख लाभ लेने का दावा नहीं कर सकते. फैसले में उन्होंने लिखा - "धर्म को उसी तरह माना जाना चाहिए जैसा धर्म है. उसे उस तरह नहीं माना जा सकता जैसा हम चाहते हैं." चंडीगढ़ की पंजाब यूनिवर्सिटी से एलएलबी और एलएलएम करने वाले जस्टिस खेहर एक आला दर्जे के छात्र थे. एलएलएम में यूनिवर्सिटी में टॉप करने के चलते उन्हें गोल्ड मेडल दिया गया था.

बतौर वकील शानदार करियर के बाद वो 1999 में पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट के जज बने. जजों के बीच बेहद सम्मानित जस्टिस खेहर को 2010 में मद्रास हाई कोर्ट के जज पी डी दिनाकरन के खिलाफ जांच के लिए बनाई गई जजों की कमिटी में रखा गया. उस वक्त वो खुद कर्नाटक हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस थे. 64 साल 3 महीने के जगदीश सिंह खेहर 28 अगस्त 2017 तक सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रहेंगे.