नई दिल्ली: जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के छात्रों ने शुक्रवार को मानव संसाधन विकास (एचआरडी) मंत्रालय के सामने प्रदर्शन किया. प्रदर्शन कर रहे छात्रों की मांग है कि यूनिवर्सिटी में कामकाज को बहाल करने के लिए सरकार ने जो समिति गठित की है उसकी रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाए. जब तक ऐसा नहीं होगा होगा हमारा प्रदर्शन जारी रहेगा.


वहीं जेएनयू छात्रसंघ के चार पदाधिकारियों ने मानव संसाधन सचिव आर सुब्रमण्यम ने मिलकर अपनी मांगे रखी. जेएनयूएसयू अध्यक्ष आइशी घोष ने प्रदर्शन कर रहे छात्रों को बताया, "हमने सचिव से मुलाकात की और हमे कहा गया है कि मानव संसाधन मंत्री हमसे जल्द मिलेंगे. अधिकारियों का कहना है कि समिति की रिपोर्ट अभी सार्वजनिक नहीं की जा सकती. हमने उन्हें बता दिया है कि हमारा विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा."


एचआरडी मंत्रालय ने विश्वविद्यालय में सामान्य कामकाज की बहाली के लिए तीन सदस्यीय एक समिति गठित की थी. इसने अपनी रिपोर्ट मंगलवार को मंत्रालय को सौंप दी. छात्रों ने इसी रिपोर्ट को सार्वजनिक करने और होस्टल फीस वृद्धि पूरी तरह से वापस लिए जाने की मांग को लेकर एचआरडी मंत्रालय को लेकर प्रदर्शन किया.


बता दें कि यहां के छात्र फीस बढ़ोतरी, हॉस्टल मैनुअल, ड्रेस कोड इत्यादि मुद्दों को लेकर तीस दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं. हालांकि, संशोधित हॉस्टल मैनुअल में कुछ फीस तो घटा दी गई है लेकिन विद्यार्थियों का विरोध अब भी जारी है.


फीस वृद्धि के विरोध ने 11 नवंबर को तब और गंभीर रुप ले लिया जब अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) के परिसर के बाहर प्रदर्शन के दौरान जेएनयू के हजारों छात्रों का पुलिस के साथ संघर्ष हो गया. वहां जेएनयू का दीक्षांत समारोह आयोजन किया गया था. केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री रमेश पोखरियाल दीक्षांत समारोह स्थल पर छह घंटे से अधिक समय तक फंसे रहे.


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