नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी हिंसा मामले में पुलिस ने आज नौ संदिग्धों की तस्वीर जारी की है. इसमें जेएनयू छात्र संघ की अध्यक्ष आईशी घोष का भी नाम शामिल है. जब इसको लेकर आईशी घोष से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ दिल्ली पुलिस के पास जितने सबूत हैं उसे सार्वजनिक करना चाहिए. दिल्ली पुलिस अपनी जांच कर सकती है. मेरे पास भी यह दिखाने के लिए सबूत है कि मुझ पर कैसे हमला किया गया.


छात्रसंघ अध्यक्ष ने कहा कि उन्हें पूरा भरोसा है कि निष्पक्ष जांच होगी. हमने कुछ गलत नहीं किया. हम दिल्ली पुलिस ने नहीं डरते हैं. हम लोग कानून का पालन करेंगे और अपने आंदोलन को शांतिपूर्वक और लोकतांत्रिक तरीके से आगे ले जाएंगे.






आईशी घोश ने कहा, ''मुझे इस देश की कानून-व्यवस्था पर पूरा भरोसा है कि जांच निष्पक्ष होगी. मुझे न्याय मिलेगा. लेकिन दिल्ली पुलिस पक्षपात क्यों कर रही है? मेरी शिकायत एफआईआर के रूप में दर्ज नहीं की गई है. मैंने कोई मारपीट नहीं की है.''


बता दें कि आज आईशी घोष सहित कुछ छात्रों ने एमएचआरडी के सचिव अमित खरे से मुलाकात की. इस मुलाकात के बाद मीडिया से बातचीत में आईशी घोष ने कहा, ''उन्होंने आश्वासन दिया है कि वे मामले में सकारात्मक हस्तक्षेप करेंगे और जल्द ही इस मुद्दे पर एक सर्कुलर जारी करेंगे. हमने मांग की कि जेएनयू के वीसी को तुरंत उनके पद से हटा दिया जाना चाहिए क्योंकि वह विश्वविद्यालय नहीं चला पा रहे हैं. हमें ऐसे वीसी की जरूरत है जो नए सिरे से मदद कर सकें और कैंपस में सामान्य स्थिति लाने में मदद कर सकें.''


दिल्ली पुलिस ने जारी की नौ संदिग्धों की तस्वीर


दिल्ली पुलिस ने जेएनयू हिंसा मामले में जिन नौ संदिग्धों की तस्वीर जारी की है उसमें पंकज मिश्रा, आईशी घोष (जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष), वास्कर विजय, सुचेता तालुकदार, चुनचुन, कुमार, डोलन सामंता, प्रिया रंजन, योगेंद्र भारद्वाज और विकास पटेल के नाम शामिल हैं. योगेंद्र भारद्वाज यूनिटी अगेस्ट लेफ्ट व्हाट्सएप ग्रुप के एडमिन हैं.


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