जम्मू: नागरिकता संशोधन कानून लागू होने के बाद अब जम्मू में अवैध रूप से बसे हज़ारो रोहिंग्या परिवारों को बाहर करने पर केंद्र सरकार काम कर रही है. केंद्र सरकार जम्मू के कई इलाकों में रह रहे इन परिवारों की लिस्ट भी बना रही है. सरकार इस बात की भी जांच कर रही है कि आखिर बंगाल की खाड़ी से सेंकडो किलोमीटर दूर जम्मू में इन्हें क्यों और किसने बसाया.


जम्मू में वित्तीय नियमों पर तीन दिन के प्रशिक्षण कैम्प के उद्घाटन पर बोलते हुए केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा की नागरिकता संशोधन कानून बनने के तुरंत बाद यह जम्मू-कश्मीर पर लागू हो गया है. अब अगली कार्यवाही यहां अवैध रूप से बसे रोहिंग्या परिवारों को बाहर करने की होगी.


रोहिंग्या परिवारों की पहचान जारी


रोहिंग्या परिवारों पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि सबसे बड़ा सवाल यह है कि बंगाल की खाड़ी से इतनी दूर जम्मू में रोहिंग्या आकर क्यों बसे. इस मामले की जांच की वकालत करते हुए उन्होंने कहा कि जांच का विषय है कि क्या इन परिवारों को यहां वोट बैंक की राजनीति के तहत बसाया गया या फिर यह जम्मू में जनसंख्या को बदलने के लिए.


जितेंद्र सिंह ने कहा कि इन रोहिंग्या परिवारों को जम्मू से बाहर अपने देश कैसे भेजा जाए इस पर केंद्र सरकार काम कर रही है. उन्होंने कहा कि इस बाबत प्रशासन जम्मू में बसे इन रोहिंग्या परिवारों की पहचान कर रही है.


जितेंद्र सिंह ने इसके साथ ही कहा की केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद जम्मू कश्मीर के लोगों के हितों का विशेष ध्यान रखा जाएगा और जल्द ही यहां विधानसभा सीटों का परिसीमन भी होगा.


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