Jharkhand Political Crisis: चंपई सोरेन के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद सत्ता पक्ष के विधायकों को दो चार्टर्ड प्लेन से शुक्रवार (2 फरवरी) को हैदराबाद भेज दिया गया. विधायकों को टूटने से बचाने के लिए उन्हें हैदराबाद शिफ्ट किया गया है. ये विधायक फ्लोर टेस्ट के दिन रांची पहुंचेंगे. चार्टर्ड प्लेन से कुल 36 विधायक हैदराबाद पहुंचे. बाकी विधायक रांची में ही मौजूद हैं.

जो विधायक हैदराबाद नहीं गए हैं उनमें चंपई सोरेन, सत्यानंद भोक्ता और आलमगीर आलम का नाम शामिल है, जो नई सरकार में शपथ ले चुके हैं. वहीं, रवींद्र महतो विधानसभा के स्पीकर हैं. हेमंत सोरेन को ईडी पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है. इसलिए वह भी रांची में हैं. इसके अलावा बसंत सोरेन, सीता सोरेन, प्रदीप, विनोद सिंह, रामदास सोरेन, चमरा लिंडा और लोबिन हेम्ब्रम भी हैदराबाद नहीं गए.

5 फरवरी को होगा फ्लोर टेस्टझारखंड में गठबंधन सरकार की असली परीक्षा 5 फरवरी को होगी. पांच फरवरी को चंपई सोरेन को विधानसभा में बहुमत साबित करना होगा. चंपई सोरेन ने 43 विधायकों के हस्ताक्षर वाला पत्र राज्यपाल को सौंपकर सरकार बनाने का दावा पेश किया था. उन्होंने कहा था कि उन्हें कुल 47 विधायकों का समर्थन हासिल है.

झारखंड में 81 विधानसभा सीटें बता दें कि झारखंड में 81 विधानसभा सीटें हैं और चंपई को सरकार बनाने के लिए 41 विधायकों की जरूरत है. वर्तामन में जेएमएम के पास कुल 29 विधायक हैं. वहीं, कांग्रेस के पास 17 और आरजेडी के पास एक विधायक है. कुल मिलाकर महागठबंधन सरकार के पास विधायकों की संख्या 47 है. वाम दल के विधायक विनोद सिंह का भी समर्थन भी महागठबंधन को प्राप्त है. 

इससे पहले महागठबंधन ने एक वीडियो भी जारी किया था, जिसमें 43 विधायक गठबंधन की मजबूती दिखाने के लिए मौजूद नजर आए. अगर बात करें विपक्ष की तो बीजेपी के पास 26, एनसीपी के पास एक और आजसू के पास दो विधायक हैं.  इन आंकड़ो को देखें तो स्पष्ट हो जाता है कि महागंठबधन आसानी से सरकार बना लेगी.

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