Hemant Soren: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) नेता हेमंत सोरेन को बुधवार (31 जनवरी) को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जमीन घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया. सोरेन ने ईडी की गिरफ्तारी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने गुरुवार (1 फरवरी) को सोरेन की गिरफ्तारी का मसला सुप्रीम कोर्ट में रखा. इस मामले पर चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने शुक्रवार (2 फरवरी) को सुनवाई की बात कही है. 


सुप्रीम कोर्ट में जब हेमंत सोरेन की याचिका पहुंची, तो झारखंड के पूर्व सीएम की तरफ से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी पेश हुए. सिब्बल और सिंघवी ने मिलकर चीफ जस्टिस के सामने हेमंत सोरेन की याचिका को रखा और उनकी गिरफ्तारी के खिलाफ सुनवाई की मांग की. चीफ जस्टिस ने इस मामले पर कहा कि वह शुक्रवार को इस केस पर सुनवाई करने वाले हैं. ऐसे में हेमंत सोरेन गुरुवार को भी ईडी की हिरासत में रहने वाले हैं. सोरेन को बुधवार रात अरेस्ट किया गया था. 


हाईकोर्ट में ईडी के खिलाफ दायर याचिका वापस लेंगे सोरेन


वहीं, ईडी की तरफ से पेश हुए सॉलिसीटर जनरल ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि हेमंत सोरेन की तरफ से इसी तरह की याचिका झारखंड हाईकोर्ट में भी दाखिल की गई है. इस पर सिब्बल ने कहा कि सोरेन हाईकोर्ट से याचिका वापस ले लेंगे. दरअसल, ईडी की गिरफ्तारी के बाद हेमंत सोरेन ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. उनकी याचिका केंद्रीय एजेंसी की कार्रवाई के खिलाफ थी. हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस चंद्रशेखर और जस्टिस अनुभा रावत चौधरी की पीठ को इस पर आज सुनवाई भी करनी थी. 


दरअसल, बुधवार को ईडी ने हेमंत सोरेन से सात घंटे तक पूछताछ की और फिर उन्हें गिरफ्तार किया. सोरेन से गिरफ्तारी से पहले राजभवन जाकर झारखंड मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद ही उन्हें ईडी दफ्तर ले जाया गया. मिली जानकारी के मुताबिक, जमीन घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जब ईडी ने उनसे सवाल-जवाब किया तो उनके जांच एजेंसी को दिए जवाबों में स्पष्टता नहीं थी. इस वजह से उन्हें पीएमएलए के तहत अरेस्ट किया गया. 


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