Presidential Election Result 2022: राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू को बड़ी जीत हासिल हुई है. इस बीच कांग्रेस के लिए राज्यों में मुश्किलें खत्म होने का नाम नहीं ले रहीं. राष्ट्रपति चुनाव (Presidential Election) में भी झारखंड में कांग्रेस (Jharkhand Congress)के कई विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की थी. सूत्रों के मुताबिक़ राष्ट्रपति चुनाव में पार्टी के यशवंत सिन्हा (Yashwant Sinha) को ही वोट करने के निर्देश के बावजूद करीब 9 से 10 विधायकों ने द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) के समर्थन में वोट किया था. सूत्रों के मुताबिक़ इससे पार्टी आलाकमान बहुत नाराज़ है और सरकार बचाने की मजबूरी की वजह से फिलहाल कोई औपचारिक तौर पर कुछ नहीं कह रहा है. 


सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस नेता फिलहाल इसे ये कहकर टालने की कोशिश कर रहे हैं कि ट्राइबल विधायकों ने क्रॉस वोट किया और राष्ट्रपति चुनाव में पार्टी का कोई व्हिप भी जारी नहीं होता, लेकिन इस तर्क़ के बावजूद ABP News को सूत्रों ने बताया कि 18 में से 9 से 10 विधायकों के क्रॉस  वोटिंग करने से पार्टी नेतृत्व नाराज़ भी है और चिंतित भी. 


झारखंड कांग्रेस की बढ़ी मुश्किलें!


झारखंड में राष्ट्रपति चुनाव में कांग्रेस विधायकों के क्रॉस वोटिंग करने के बाद पार्टी को इस बात का डर सता रहा है कि कहीं ये विधायक सरकार की अगुवाई कर रही पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) या फिर बीजेपी के संपर्क में आकर पाला न बदल लें. अगर ऐसा हुआ तो फिर सरकार बचाना मुश्किल है. गौरतलब है कि गुरुवार को जब सोनिया गांधी की ED से पूछताछ के विरोध में राज्य इकाई झारखंड में विरोध प्रदर्शन कर रही थी, तब भी करीब 9 से 10 विधायक इस प्रदर्शन में नहीं पहुंचे थे. 


झारखंड में कांग्रेस को खतरे का अहसास?


झारखंड में कांग्रेस की धडकनें बढ़ी हुई है और पार्टी को आने वाले खतरे का एहसास है. बता दें कि कांग्रेस को यही एक झटका नहीं लगा है. राष्ट्रपति चुनाव में भी झारखंड मुक्ति मोर्चा ने विपक्ष के उम्मीदवार यशंवत सिन्हा के बजाए NDA उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को समर्थन का फैसला किया था. बावजूद इसके पार्टी सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस ने JMM के साथ सरकार बरकरार रखने का फैसला किया था और तय किया था कि कांग्रेस खुद सरकार ना गिराए, लेकिन चिंता अब इस बात की है कि कहीं 18 में से 9-10 विधायक पार्टी का दामन ना छोड़ दें.


JMM-कांग्रेस सरकार पर पड़ेगा क्रॉस वोटिंग का असर?


यही नहीं, कांग्रेस (Congress) को तीसरा झटका झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) से हाल हीं में राज्यसभा चुनाव में भी लगा था, जब बकायदा JMM से अपने उम्मीदवार के लिए समर्थन मांगने के बावजूद हेमंत सोरेन (Hemant Soren) ने कांग्रेस को समर्थन देने की बजाय अपना उम्मीदवार उतार दिया था. कांग्रेस में झारखंड से आने वाले कुछ नेताओं का कहना है कि पार्टी को खुद ही JMM सरकार से समर्थन वापस ले लेना चाहिए था. अब करीब 9 से 10 विधायकों के क्रॉस वोटिंग (Cross Voting) करने की बात सामने आने के बाद कांग्रेस के लिए खुद अपना ही कुनबा बचाने की जरूरत है और निश्चित तौर पर इसका असर झारखंड की जेएमएम-कांग्रेस सरकार पर जल्द ही पड़ सकता है. 


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