Jharkhand Mining Lease: झारखंड हाईकोर्ट में गुरुवार को माइनिंग लीज, शेल कंपनियों में निवेश और मनरेगा घोटाले से जुड़े मामले पर सुनवाई हुई. ‌इसमें से अब दो मामले सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए हैं. वहीं मनरेगा से जुड़े मामले की सुनवाई झारखंड हाईकोर्ट में ही होगी. सीएम हेमंत सोरेन (Hemant Soren) के खनन लीज व उनके करीबियों के शेल कंपनी मामले में सीबीआई जांच की मांग को लेकर याचिका शिव शंकर शर्मा ने दायर की थी. सुप्रीम कोर्ट इस याचिका पर शुक्रवार 20 मई को सुनवाई करेगा.  


बता दें कि, झारखंड हाईकोर्ट में गुरुवार को माइनिंग लीज, शेल कंपनियों में निवेश और आईएएस पूजा सिंघल से जुड़े मनरेगा घोटाले को लेकर अहम सुनवाई हुई थी. सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने माइनिंग लीज और शेल कंपनियों से जुड़े मामलों को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर करने की जानकारी झारखंड हाईकोर्ट को दी.


17 मई के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची राज्य सरकार
बीती 17 मई को शेल कंपनियों से जुड़े मामले में जो फैसला आया था उसी को लेकर राज्य सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया. पिछली सुनवाई में ईडी की ओर से अधिवक्ता तुषार मेहता ने मनरेगा मामले में 16 एफआईआर दर्ज करने की जानकारी देते हुए शेल कंपनियों से इसका कनेक्शन बताया था और इसी के आधार पर CBI जांच की मांग की थी. फिर राज्य सरकार ने माइनिंग लीज और फिर शेल कंपनियों से जुड़े मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की. जबकि मनरेगा से जुड़े मामले की सुनवाई झारखंड हाईकोर्ट में ही होगी. मुख्य न्यायाधीश एनवी रमण और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने अधिवक्ता कपिल सिब्बल और मुकुल रोहतगी की दलीलों पर कहा कि ये एक गंभीर मामला है. जिसमें जांच एजेंसी नोटिस जारी करने से पहले झारखंड हाईकोर्ट में सीलबंद लिफाफे में दस्तावेज दाखिल कर रही है. उन्होंने दलील दी कि जांच एजेंसी दूसरे पक्ष को भी ये दस्तावेज नहीं दे रही है. 


झारखंड हाईकोर्ट में अगली सुनवाई 24 मई को 
इस मामले में सीबीआई जांच की मांग पर झारखंड हाईकोर्ट में अगली सुनवाई मंगलवार 24 मई को होगी. रांची के डीसी छवि रंजन के मामले में भी सुनवाई हुई. छवि रंजन ने झारखंड सरकार की ओर से माइनिंग मामले में एफिडेविट फाइल किया था.  मामले को लेकर याचिकाकर्ता के वकील राजीव कुमार ने बताया कि माइनिंग लीज मामले में रांची डीसी के शपथ पत्र दायर करने के मामले में भी झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई है. 


छवि रंजन को लेकर उठा सवाल
अधिवक्ता राजीव कुमार की ओर से हाईकोर्ट को जानकारी दी गई कि रांची के डीसी छवि रंजन कोडरमा में पेड़ कटाई के मामले में चार्जशीटेड हैं और उन्हें हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत मिली हुई है. इस पर झारखंड हाईकोर्ट ने पूछा कि क्या एक चार्जशीटेड व्यक्ति राज्य सरकार की ओर से शपथ पत्र दायर कर सकता है. छवि रंजन पर एसीबी के तहत पहले से मामला चल रहा है. कोडरमा में छवि रंजन के खिलाफ विजिलेंस ने मामला दर्ज किया था. पेड़ कटाई मामले में विजिलेंस ने मामला दर्ज किया था. 2016 में हाईकोर्ट से छवि रंजन को अग्रिम जमानत मिली थी. 


मामले में ईडी ने क्या कहा?
कोर्ट में इस मामले में सुनवाई के दौरान ईडी की एंट्री हुई थी. ईडी ने कोर्ट में कहा था कि पूजा सिंघल मामले में सीबीआई जांच होनी चाहिए. जांच में कई अहम दस्तावेज भी मिले हैं. ईडी ने कोर्ट में दावा किया है कि पूरे घोटाले को फर्जी कंपनियों के जरिये बड़े रैकेट के तहत अंजाम दिया गया है. इसमें कई बड़े राजनेता नेता शामिल हैं. 2010 से ही पूजा सिंघल नेताओं और मंत्रियों तक घूस की रकम पहुंचा रहीं थी. इस मामले में कोर्ट में आज कोई फैसला नहीं हुआ. 


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