जेईई और नीट परीक्षाएं देने वाले अभ्यर्थियों को कोविड-19 होने का डर, परीक्षा केंद्रों तक पहुंचने के लिए परिवहन सुविधाओं का अभाव, परीक्षा भवन में मास्क और दस्ताने पहन कर उत्तर पुस्तिका पर लिखने में होने वाली समस्या का डर सता रहा है.


वाम दल से संबद्ध ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा) ने बृहस्पतिवार को ट्विटर पर कई हैशटैग के साथ परीक्षा आयोजित कराने का विरोध किया. छात्रों ने काली पट्टी और मुखौटे पहनकर तस्वीर पोस्ट करते हुए महामारी के समय में परीक्षा को स्थगित करने की मांग की.
देश में कोरोना वायरस के मामलों में तेजी के बीच केंद्र से दोनों परीक्षाओं को स्थगित करने का आग्रह करने के लिए बुधवार को एक ऑनलाइन याचिका भी शुरू की गई , जिस पर 1.20 लाख से अधिक लोगों ने हस्ताक्षर किए हैं.


एक छात्र ने कहा, “लाखों छात्र जेईई और नीट की परीक्षा देंगे. मेरी मां की प्रतिरक्षण क्षमता काफी कमजोर है और यदि मैं संक्रमित हो जाता हूं तो मेरी और मेरे परिवार की जिम्मेदारी कौन लेगा. यह देखा गया है कि परीक्षा के दौरान निर्देशों का पालन नहीं किया जा रहा है.”


नीट परीक्षा देने के लिए तैयार छात्र दानिश कहते हैं कि उनका परीक्षा केंद्र पटना में दिया गया है जहां कोरोना वायरस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. उन्होंने कहा,“निजी ट्रांसपोर्टरों ने किराया बढा दिया है और अब छात्रों को अपने परीक्षा केंद्र तक पहुंचने के लिए 10,000 रुपये खर्च करने होंगे. मेरे बहुत सारे दोस्त बाढ़ में फंसे हुए हैं. क्या वे पानी में तैर कर परीक्षा देने जाएंगे? वे इस महामारी में परीक्षा नहीं दे पाएंगे. कहा जा रहा है कि परीक्षा में निर्देशों का पालन किया जा रहा है लेकिन जिन्होंने ये निर्देश जारी किए हैं वे खुद भी तो संक्रमित हो गए हैं.”


जेईई(मुख्य) परीक्षा एक से छह सितंबर के बीच होगी, जबकि नीट परीक्षा 13 सितंबर को होने का कार्यक्रम है.


कांग्रेस नेता राहुल गांधी, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक और द्रमुक अध्यक्ष एम के स्टालिन सहित कई विपक्षी नेताओं ने ये परीक्षाएं फिलहाल स्थगित करने की मांग की है.