Jamtara Cyber Crime: दिल्ली पुलिस ने जामताड़ा में बैठकर देश भर के लोगों को ठगने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए 6 लोगों को गिरफ्तार किया है. ये लोग मोबाइल फोन के जरिए एक फर्जी कॉल सेंटर चला कर लोगों को अपने झांसे में लिया करते थे. इनके पास से 20 हजार से ज्यादा सिम कार्ड बरामद किए गए हैं. 


लोगों के मोबाइल में सेंध लगाने के लिए ये ठग पीड़ितों के मोबाइल अलग-अलग एप डाउनलोड करवाते और फिर उस एप के माध्यम से उनके फोन का कंट्रोल हासिल कर उनके बैंक खातों को खाली कर देते थे. सभी आरोपियों को झारखंड के जामताड़ा से गिरफ्तार किया गया है. 


34 मोबाइल फोन, 7 सिम कार्ड बरामद


आरोपियों के नाम निज़ामुद्दीन अंसारी उर्फ निज़ाम, अफरोज आलम, मोहम्मद आमिर अंसारी, सरफराज अंसारी, अफरोज अंसारी है. सभी आरोपी जामताड़ा, झारखंड के ही रहने वाले हैं. ये सभी फोन के माध्यम से देशभर के लोगों को ठगा करते थे. नसीम मलित्य, ये मुर्शिदाबाद बंगाल का रहने वाला है. ये इस गिरोह को प्री-एक्टिवेटिड सिम कार्ड उपलब्ध कराता था. इन सभी के पास से 34 मोबाइल फोन, 7 सिम कार्ड बरामद किए गए हैं.


क्या है मामला 


आउटर नॉर्थ जिले के डीसीपी रवि कुमार सिंह ने बताया कि साइबर क्राइम थाना पुलिस को एक मामले में शिकायत मिली थी कि उनके बैंक खाते से 10 लाख रुपये की ऑनलाइन ठगी की गई है.


शिकायतकर्ता ने बताया कि वो दुबई में रहते हैं. उनकी बेटी दिल्ली टेक्निकल यूनिवर्सिटी से पढ़ाई कर रही है. वो उसी से मिलने आये थे. बेटी के बैंक एकाउंट की पास बुक के संबंध में उन्हें बैंक में बात करनी थी. उन्होंने गूगल पर बैंक की हेल्पलाइन नम्बर सर्च किया. उन्हें एक नंबर मिला. 


जब उस नंबर पर सम्पर्क किया तो उस व्यक्ति ने एक एप डाउनलोड करवाया और उसके बाद बैंक खाते से अपने आप ही रकम निकल गई. पुलिस ने शिकायत के आधार पर एफआईआर दर्ज की. जांच करते हुए पुलिस ने जब आरोपियों के कॉल डिटेल खंगाले तो उसके तार जामताड़ा से जुड़ते गए. पुलिस का कहना है कि ठगी की रकम में से लगभग 9 लाख 77 हजार शिकायतकर्ता के खाते में वापस पहुंचा दिए गए हैं, 27 हजार रुपये जो बचे हैं, उन्हें भी वापस दिलाने का प्रयास जारी है.


जामताड़ा में की छापेमारी


पुलिस की टीम जामताड़ा, झारखंड रवाना हुई. वहां पर पुलिस ने छापेमारी की, जिसके बाद 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया. पुलिस ने इनके पास से 20,000 से ज्यादा मोबाइल सिम कार्ड बरामद किए. जांच में पुलिस को पता चला है कि आरोपी जामताड़ा से ही कॉल सेंटर चला रहे थे. ये लोगों को अपनी बातों में फंसाकर उनके लाखों रुपये ठग लेते थे.


बैंकों और शॉपिंग साइट्स की वेबसाइट में नंबर डाल देते थे


पुलिस ने बताया कि ये गिरोह गूगल पर तमाम बैंकों और शॉपिंग वेबसाइट की हेल्पलाइन नंबर के स्थान पर अपना नंबर डाल देते थे. जब भी लोग गूगल के जरिए बैंक, शॉपिंग साइट आदि का हेल्प लाइन नंबर सर्च करते तो उसमें दिए गए नंबर पर कॉल की जाती, जो इन लोगों के पास आती. फिर ये गैंग कॉलर को अपनी बातों के जाल में फंसाकर उनसे अलग-अलग ऐप्स डाउनलोड करवाते थे. इन एप्स के जरिए ये लोग कॉलर के मोबाइल का कंट्रोल अपने हाथ में ले लेते थे और फिर उसके बैंक खाते को खाली कर देते थे.


बड़ी संख्या में रखते थे सिम कार्ड


मामले से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि ये लोग बड़ी संख्या में मोबाइल सिम कार्ड रखते हैं. इनसे कॉल करके लोगों के बैंक अकाउंट और उससे संबंधित ओटीपी अलग-अलग बहानों से मांग लेते हैं. उसका इस्तेमाल करके लोगों के लाखों रुपये अपने अकाउंट में ट्रांसफर कर लेते हैं. इसके बाद उस सिम को बंद कर देते हैं. यही वजह भी रहती है कि पुलिस को इन तक पहुंचने में लंबा समय लगता है. अगर पुलिस पहुंचती भी है तो इनको पकड़ना इतना आसान नहीं होता है. ये लोग झुंड बनाकर पुलिस पर भी हमला तक कर देते हैं.


ये भी पढ़ें: Gehlot Vs Pilot: कर्नाटक में कांग्रेस के स्टार प्रचारकों की लिस्ट में छिपा है सचिन पायलट के लिए संदेश, पार्टी ने उठाया ये कदम