Action On Terrorism: जम्मू-कश्मीर में बीते कुछ महीनों में टारगेट किलिंग की कई घटनाएं देखने को मिलीं. आतंकवादी घटनाओं पर रोक लगाने के लिए प्रशासन की ओर से कई कड़े कदम उठाए गए हैं. इसी कड़ी में शनिवार को अलगाववादी नेता मौलवी सरजन बरकती पर शिकंजा कसा गया. जम्मू-कश्मीर राज्य जांच एजेंसी (SIA) ने मौलवी सरजन बरकती के 8 अलग-अलग स्थानों पर छापेमारी की. 


प्रशासन ने यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग पर नकेल कसने के लिए की. सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार, बरकती कथित रूप से 2016 के हिंसक आंदोलन के दौरान अपने भड़काऊ भाषणों के जरिए लोगों को सड़कों पर लामबंद करने के लिए कुख्यात है. मौलवी बरकती पर जम्मू-कश्मीर के युवाओं को भारत विरोधी गतिविधियों के लिए उकसाने का आरोप है. 


क्राउड फंडिंग से 1.5 करोड़ जुटाए


एसआईए ने सरजन बरकती और अन्य के खिलाफ अवैध तरीके से क्राउड फंडिंग से संबंधित मुकदमा दर्ज किया था. मौलवी बरकती पर आरोप है कि उसने अपने परिवार के साथ समर्थन के लिए आम जनता से भावनात्मक अपील करके 1.5 करोड़ से अधिक की धनराशि जुटाई है. एसआईए ने छापे के बाद जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, "इस आड़ में उसने न केवल भारी धन अर्जित किया, बल्कि प्रथम दृष्टया अज्ञात स्रोतों से आने वाले धन को भी वैध बनाया."


SIA ने 10 संदिग्धों की पहचान की


SIA ने आगे कहा, "संदेह है कि यह धन आतंकवादी संगठनों से भेजा गया है और इसका उपयोग अलगाववादी-आतंकवादी अभियान को बनाए रखने में किया जा सकता है." अब तक एसआईए ने 10 संदिग्धों की पहचान की है जिनकी संलिप्तता शुरुआती जांच में सामने आई है. जम्मू-कश्मीर में लगातार आतंकियों के ठिकानों और मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया जा रहा है. इसी कड़ी में शनिवार (18 मार्च) को प्रदेश की जांच एजेंसी एसआईए ने श्रीनगर के अलावा दक्षिण कश्मीर के कुलगाम, अनंतनाग और शोपियां में आतंकियों व अलगाववादियों से जुड़े करीब आठ लोगों के ठिकाने पर छापेमारी की.


व्यक्तिगत लाभ में खर्च किया धन 


प्रारंभिक जांच से पता चला है कि मौलवी सरजन बरकती ने अपने व्यक्तिगत लाभ के लिए धन का एक बड़ा हिस्सा डायवर्ट किया है और अनंतनाग शहर में अपनी पत्नी के नाम पर ₹45 लाख की जमीन का एक टुकड़ा खरीदा है. बाद में इस जमीन को उसने 72 लाख रुपये में बेच दिया. इतना ही नहीं जनता के पैसों से 27 लाख रुपये से एक महलनुमा घर भी बनाया है. उसने मदरसा स्थापित करने के लिए 5 कनाल जमीन भी खरीदी है, जिसका इस्तेमाल आतंकवाद फैलाने में करने का आरोप है. 


SIA को कई अहम सबूत हाथ लगे!


विज्ञप्ति में कहा गया है, "इस तरह के धन का स्रोत क्या था? यह कितना वैध आय से था और कितना गैर-जवाबदेह स्रोतों से था? क्या ऐसे स्रोतों का आतंक और हुर्रियत के वित्त से कोई लेना-देना था?, इन सवालों के जवाब मिलेंगे." इस छापेमारी के दौरान इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स, आपत्तिजनक सामग्री और अन्य सहायक साक्ष्य जब्त किए गए. एसआईए को उम्मीद है कि तलाशी से उसे कुछ अहम सबूत हासिल हुए हैं, जिससे यह मदद मिलेगी कि किन-किन लोगों ने सर्जन बरकती फंड में योगदान दिया है.


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