Jammu-Kashmir News: जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में आतंकवादियों ने मुठभेड़ के दौरान एक मस्जिद का इस्तेमाल किया. भारतीय सेना का कहना है कि स्थानीय लोगों ने इसकी निंदा की और इसके विरोध में शुक्रवार (3 मार्च) देर रात एक लंबा कैंडल मार्च निकाला. सैकड़ों की संख्या में प्रदर्शनकारियों ने आतंकवादियों की तरफ से मस्जिद के इस्तेमाल और इसकी पवित्रता को बदनाम करने की निंदा की. 

सोमवार की मुठभेड़ के दौरान, द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF) से जुड़े आतंकवादी पंपोर इलाके की एक मस्जिद के अंदर छिपे हुए थे. सुरक्षा बलों के साथ इस मुठभेड़ में दो आतंकवादी मारे गए. इनमें से एक हाल ही में कश्मीरी पंडित संजय शर्मा की हत्या में शामिल था. सिपाही पवन के रूप में पहचाने जाने वाले एक सैनिक ने भी ऑपरेशन में अपनी जान गंवा दी. 

'विरोध बदले हुए माहौल का संकेत'

देर रात बारिश के दौरान पोटगामपोरा में रहने वाले लोगों ने कैंडल मार्च का आयोजन किया. इस दौरान सभी ने जामिया मस्जिद के पवित्र परिसर के इस्तेमाल के खिलाफ अपना कड़ा विरोध दर्ज किया. वहीं, सेना ने अपने बयान में दावा किया कि "विरोध एक बदले हुए माहौल का संकेत देता है जिसमें स्थानीय लोग हिंसा से परहेज कर रहे हैं और समाज के उन असामाजिक तत्वों के खिलाफ अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं, जो अपने फायदे के लिए शांतिपूर्ण माहौल को बिगाड़ रहे हैं."

सेना ने सावधानी के साथ की गोलीबारी 

बता दें कि मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने पवित्र अहाते को सुरक्षित रखने के लिए अत्यधिक सावधानी के साथ गोलीबारी की, जबकि एक आतंकवादी को मौके पर ही मार गिराया. हालांकि, दूसरा आतंकवादी मौके से भाग गया और बगल की एक इमारत में छिप गया. कई घंटों तक चली मुठभेड़ में सुरक्षा बलों ने न केवल दूसरे आतंकवादी को मार गिराया, बल्कि इमारत के अंदर फंसे सभी नागरिकों को भी निकाल लिया. 

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