Jammu Target Killing: अपनी ज़मीन से उजड़ जाने का दर्द जिंदगी भर टीसता रहता है,लेकिन केंद्रशासित प्रदेश जम्मू -कश्मीर (Jammu-Kashmir) के हिंदू पंडितों के लिए ये टीस ही मरहम का काम कर रही है. ये लोग टारगेट किलिंग (Target Killing) से इतने खौफ खाए हुए हैं कि अपनी ही सरज़मी से सामूहिक पलायन इनके लिए अकेला रास्ता बच गया है.


इस राज्य में हो रही टारगेट किलिंग के खिलाफ कश्मीर घाटी में पिछले 15 सालों से काम कर रहे हिंदू सरकारी कर्मचारियों ने सामूहिक पलायन किया है और वह घाटी वापस नहीं जाना चाहते. मंगलवार को टीचर रजनी बाला की हत्या से घबराए घाटी के सरकारी कर्मचारियों ने गुरुवार 2 जून को जम्मू में प्रदर्शन किया और डीएम को अपना ज्ञापन सौंपा.


"We Want Justice" से गूंज रही कश्मीर घाटी


घाटी में बरसों से रह रहे सरकारी कर्मचारी यहां हिंदूओं की लगातार हो रही टारगेट किलिंग से बेहद नाराज हैं. वे अब प्रदेश सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतर आए हैं. घाटी में हिंदू सराकारी कर्मचारी वी वांट जस्टिस (We want Justice)के नारे लगा रहे हैं. ये सरकारी हिंदू कर्मचारी बीते करीब 15 साल से कश्मीर घाटी में विभिन्न सरकारी विभागों में कार्यरत है.


हाल ही में कश्मीर घाटी के कुलगाम में आतंकियों द्वारा टारगेट की गई शिक्षिका रजनी बाला की हत्या के बाद कश्मीर में काम कर रहे करीब 4000 ऐसे हिंदू कर्मचारियों ने सामूहिक पलायन किया है और अब वह वापस घाटी नहीं लौटना चाहते.


इन कर्मचारियों ने दावा किया है कि वह पिछले 15 साल से कश्मीर घाटी के विभिन्न सरकारी विभागों में नौकरी कर रहे हैं लेकिन जो डर और खौफ का माहौल अब बना है ऐसा माहौल उन्होंने आजतक नहीं देखा. इन कर्मचारियों की मांग है कि वह ना तो सरकार से सुरक्षा चाहते हैं और ना ही किसी तरह की सुविधा. वो बस इतना चाहते हैं कि उन्हें कश्मीर घाटी से रीलोकेट किया  जाए. अपनी इन मांगों को लेकर कश्मीर में काम कर रहे हिंदू सरकारी कर्मचारियों ने जम्मू में मार्च निकाला.


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