जम्मू: जम्मू कश्मीर हाई कोर्ट ने इस साल की अमरनाथ यात्रा को कराने का अंतिम निर्णय श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड पर छोड़ा है. अदालत ने यह भी कहा है कि यात्रा में सबकी सुरक्षा का ध्यान और ज़रूरी इंतज़ाम करने के बाद ही यात्रा पर कोई फैसला लिया जाये.


जम्मू कश्मीर हाई कोर्ट में एडवोकेट सचिन शर्मा द्वारा प्रदेश में बढ़ते कोरोना के मामलो के मद्देनज़र इस साल की अमरनाथ यात्रा न करवाने को लेकर दायर एक जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान अदालत ने अमरनाथ यात्रा की तैयारियों को लेकर एक विस्तृत रिपोर्ट मांगी थी.


सरकार द्वारा रिपोर्ट दायर करने के बाद अब हाई कोर्ट की डिवीज़न बेंच ने इसपर अपना फैसला सुनाया. बेंच में शामिल चीफ जस्टिस गीता मित्तल और जस्टिस संजय धर ने इस साल की मरनाथ यात्रा को करवाने का फैसला श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड और प्रदेश सरकार पर छोड़ा है.


अदालत ने सरकार को यह भी निर्देश दिए है कि इस यात्रा पर फैसला सुप्रीम कोर्ट के 13 जुलाई के निर्देशों और कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए जारी दिशा निर्देशों को ध्यान में रख कर लिया जाये. बेंच ने कहा कि यात्रा पर कोई फैसला लेने से पहले श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य का पूरा ध्यान रखा जाना चाहिये.