Jammu And Kashmir: क्या जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) में गुपकार अलायंस (Gupkar Alliance) में फूट पड़ गई है? क्या जम्मू कश्मीर में गुपकार अलायंस खत्म होने वाला है? जम्मू-कश्मीर और देश की सियासत में यह सवाल अचानक इसलिए उठने लगे हैं क्योंकि इस गठबंधन की प्रमुख पार्टी नेशनल कॉन्फ्रेंस (National Conference) ने बुधवार को जम्मू कश्मीर में होने वाले विधानसभा चुनावों (Assembly Elections) में अकेले लड़ने की घोषणा कर दी. 

सूबे के पूर्व सीएम और नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने कहा कि उनकी पार्टी जम्मू-कश्मीर विधानसभा की सभी 90 सीटों पर अकेले ही चुनाव लड़ेगी. यह घोषणा उनकी पार्टी की प्रांतीय बैठक के बाद की गई है. इस घोषणा ने वादी के अन्य घटक दलों के साथ नेशनल कॉन्फ्रेंस के चुनाव लड़ने की सभी संभावनाओं को खत्म कर दिया है. इस बैठक के बाद जारी बयान में यह भी कहा गया कि प्रांतीय समिति के सदस्यों ने सर्वसम्मति से संकल्प लिया है कि नेकां को सभी 90 विधानसभा सीटों के लिए तैयारी करनी चाहिए और चुनाव लड़ना चाहिए."  

नेशनल कॉन्फ्रेंस ने जारी की प्रेस रिलीजपार्टी ने इस मामले में अपनी प्रेस रिलीज जारी की है. प्रेस रिलीज में कहा गया है कि पीएजीडी और उससे जुड़े कुछ घटकों द्वारा की गई बयानबाजी, जारी किये गये ऑडियो जिंगल से उनकी पार्टी को निशाना बनाया गया. इस वजह से दोनों के बीच की दूरियों का सहज ही पता लगाया जा सकता है. उमर अब्दुल्ला ने इस संबंध में ट्वीट कर कहा कि "आज की घोषणा ने यहां के राजनीतिक हलकों को आश्चर्यचकित नहीं किया है क्योंकि इसके संकेत पहले से ही थे कि नेकां अपने दम पर चुनाव लड़ेगी और पीएजीडी के साथ नहीं जाना चाहेगी."

क्या बोले फारूक अब्दुल्ला?वहीं उमर अब्दुल्ला के पिता और सूबे के पूर्व सीएम डॉ फारूक अब्दुल्ला ने स्वीकार किया कि वह इस मुद्दे पर उमर को सलाह नहीं दे सकते. उन्होंने कहा कि पीएजीडी को कोई खतरा नहीं है लेकिन इस घोषणा ने न केवल उनको बल्कि अन्य सहयोगियों को भी आश्चर्यचकित कर दिया है क्योंकि इस कदम ने पीएजीडी के संभावित अंत का संकेत दिया है.

हालांकि फारूक अब्दुल्ला यह कहकर स्थिति को संभालने की कोशिश कर रहे हैं कि तत्कालीन राज्य की विशेष स्थिति से लड़ने के लिए गठित किया गया पीपुल्स अलायंस फॉर गुपकार डिक्लेरेशन (पीएजीडी) अभी भी बरकरार है और इसकी प्रासंगिकता आगे भी बनी रहेगी. फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि कोई भी लोकतांत्रिक पार्टी कोई भी प्रस्ताव पारित कर सकती है लेकिन अंतिम फैसला जम्मू-कश्मीर में चुनाव की घोषणा के बाद ही लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि फिलहाल गठबंधन तात्कालिक परिस्थितियों पर निर्भर करेगा.

क्या बोली पीडीपी?वहीं पीडीपी ने भी स्थिति को संभालने की कोशिश की है और नेकां के निर्णय पर कहा है कि पीएजीडी का गठन 370 जैसे बड़े मुद्दे के लिए और राज्य के अधिकारों की बहाली के लिए आया था और यह एक चुनावी गठबंधन नहीं है. पीडीपी के प्रवक्ता ने कहा कि चुनाव की कोई बात नहीं है पार्टियां कोई भी फैसला ले सकती हैं. पीएजीडी चुनाव से बड़े मुद्दे के लिए गठबंधन है और अगर कोई पार्टी कहती है कि वे अकेले चुनाव लड़ेंगे तो क्या फर्क पड़ता है?

क्या बोली अपनी पार्टी?पीडीपी (PDP) ने कहा कि चुनावी गठबंधन पर अंतिम फैसला चुनाव की घोषणा के बाद किया जाएगा इस पर टिप्पणी करना जल्दबाजी होगी. पीएजीडी की कट्टर प्रतिद्वंद्वी पार्टी 'अपनी पार्टी' ने इसको नाटक करार दिया है. अपनी पार्टी के उपाध्यक्ष गुलाम हसन मीर ने कहा कि पूरा समूह लोगों को धोखा दे रहा है. उन्होंने कहा कि पीएजीडी (PAGD) उन चीजों का वादा करके लोगों को धोखा दे रहा है जिनको कभी वापस नहीं लाया जा सकता. चुनाव एक वास्तविकता है और यह घोषणा इस बात का संकेत है कि पार्टियों ने इसको महसूस किया है.

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