Jammu Kashmir Government Recruitment: क्या जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) में सभी सरकारी भर्तियां (Government Recruitment) भ्रष्टाचार (Corruption) के माध्यम से की जाती हैं. जम्मू-कश्मीर सरकार द्वारा 1200 पुलिस सब-इंस्पेक्टर पदों के चयन को रद्द करने और मामले को केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को सौंपने के बाद यह सवाल पैदा हुआ. पुलिस सब-इंस्पेक्टर भर्ती घोटाले (Police Sub-Inspector Recruitment Scam) के बाद अब जम्मू-कश्मीर सेवा चयन बोर्ड (JKSSB ) द्वारा आयोजित की गई कई अन्य परीक्षाएं न केवल जांच के दायरे में हैं बल्कि रद्द होने के कगार पर हैं.


5 अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 (Article 370) को खत्म करने के बाद सरकार द्वारा की गई पूरी भर्ती प्रक्रिया अब सवालों के घेरे में है. 16 दिसंबर 2020 को, "नया-कश्मीर" नारे के तहत केंद्र शासित प्रदेश सरकार ने जम्मू-कश्मीर पुलिस (Jammu and Kashmir Police) में उप-निरीक्षकों की 1200 रिक्तियों के अलावा छह विभागों में वित्त लेखा सहायकों (एफएए), जूनियर इंजीनियर (जेई) की 1700 रिक्तियों को अधिसूचित किया. लेखा और कोषालय विभाग में एफएए की 972 रिक्तियों को भी अधिसूचित किया गया. इन सभी पदों के लिए लगभग 200,000 उम्मीदवारों ने आवेदन पत्र जमा किए.


कई शेड्यूल रद्द होने के बाद, एफएए के लिए परीक्षा मार्च 2022 में आयोजित की गई थी. 23 अप्रैल 2022 को, जेकेएसएसबी (JKSSB) ने एक बैठक की और एफएए के 972 पदों के अलावा क्लास-4 के 3200 पदों, 91 जूनियर सांख्यिकीय सहायकों, पीडब्ल्यूडी में 144 जेई और जल शक्ति विभाग में 65 जेई के लिए मेरिट सूची को मंजूरी दी. इसके बाद मेरिट सूची में शामिल 133237 उम्मीदवारों का दस्तावेज सत्यापन भी किया गया.


लेकिन पुलिस सब-इंस्पेक्टर घोटाला सामने आने के बाद, केंद्र शासित प्रदेश सरकार ने जांच में एक हजार से अधिक वित्त लेखा सहायकों (एफएए) और कनिष्ठ अभियंताओं (जेई) के चयन के लिए जम्मू और कश्मीर सेवा चयन बोर्ड (जेकेएसएसबी) द्वारा आयोजित परीक्षाओं को भी जांच के दायरे में रखा गया है.


इन परीक्षाओं में गड़बड़ियों की भी होगी जांच
10 जून 2022 को जम्मू-कश्मीर सरकार ने उप-निरीक्षकों, जेई और एफएए के चयन में अनियमितताओं के आरोपों की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया. जबकि पीएसआई मामले को जांच के लिए सीबीआई को सौंप दिया गया है, जल शक्ति विभाग में जेई के मामले में कोई निर्णय नहीं लिया गया है, जबकि 18 जुलाई 2022 को जम्मू-कश्मीर सरकार ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल के माध्यम से घोषणा की कि एफएए की अंतिम सूची भी जांच के दायरे में है और सबसे अधिक संभावना यही है कि इसे स्क्रैप किया जाएगा.


परीक्षा देने वाले उम्मीदवार हैं निराश
लेकिन जिन उम्मीदवारों (Candidates) ने परीक्षा (Exam) की तैयारी में तीन साल से अधिक समय बिताया है और परीक्षा उत्तीर्ण करने के लिए कड़ी मेहनत की है, वे अब टूट गए हैं. वे सरकार से सवाल कर रहे हैं कि धोखा देने वाले कुछ लोगों के लिए सभी उम्मीदवारों का जीवन और करियर दांव पर क्यों लगाया जा रहा है. उम्मीदवार सरकार पर दोषियों को बचाने और अपनी गलतियों को छिपाने का आरोप लगा रहे हैं.


एफएए के मामले में, उम्मीदवारों (जिनमें से कुछ अधिक उम्र के होने के कगार पर हैं), का कहना है कि केवल 942 उम्मीदवारों ने अंतिम सूची में और 209 ने जेई की सूची में जगह बनाई है. यदि सूची में काली भेड़ें हैं, तो सूची को खत्म करने और सभी को दंडित करने के बजाय उन्हें ढूंढा जा सकता है.


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