Jammu-Kashmir: एक तरफ केंद्र सरकार 90 के दशक में घाटी से विस्थापित हुए कश्मीरी पंडितों को वापस घाटी में बसाने की कोशिश कर रही है. वहीं, दूसरी तरफ केंद्र के इस कदम से बौखलाए आतंकी लगातार कश्मीरी पंडितों को डरा धमका रहे हैं. हाल ही में आतंकी संगठन लश्कर-ए-इस्लाम की ओर से कश्मीरी पंडितों के लिए धमकी भरा पत्र जारी करने के विरोध में जम्मू में आज शुक्रवार को डोगरा फ्रंट और शिवसेना के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया.


डोगरा फ्रंट के कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि आतंकी कश्मीर में 90 जैसे हालात पैदा करना चाहते हैं, ताकि वहां रह गए कश्मीरी पंडितों को घाटी से निकाला जा सके. प्रदर्शनकारियों ने मांग की कि सरकार को न केवल ऐसे आतंकियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए, बल्कि जो भी नेता इस तरह की वारदातों के समर्थन में बयान देते हैं, उनके खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए.


डाक के जरिए ये खत भेजा गया है


गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर के बारामूला जिले में कश्मीरी पंडितों को एक धमकी भरा पत्र मिला है. इस खत में कश्मीर में रहे रहे पंडितो को घाटी छोड़ देने के लिए कहा गया है, नहीं तो इसके परिणामा भुगतने की धमकी दी गई है. बारामूला में कश्मीरी पंडितों की कॉलोनी में डाक के जरिए ये खत भेजा गया है. 


अंग्रेजी में लिखे इस खत को भेजने वाले ने खुद को लश्कर-ए-इस्लाम नाम के संगठन का कमांडर बताया है. वहीं, इस चिट्ठी को लेकर कश्मीरी पंडितों ने उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से शिकायत की है और उनकी सुरक्षा बढ़ाने को कहा है. खत में किसी तारीख का जिक्र नहीं, वहीं ये खत प्रिंट किया गया है. 


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