जम्मू: यात्री किराए को 50 प्रतिशत बढ़ाने और वित्तीय पैकेज की मांग कर रहे जम्मू-कश्मीर के ट्रांसपोर्टरों ने अपनी हड़ताल 10 जून तक टाल दी है. गुरुवार को सरकार और ट्रांसपोर्टरों के बीच चली बैठक में यह फैसला लिया गया. यात्री किराए को 50 प्रतिशत तक बढ़ाने, बैंक से लिए गए कर्ज पर ब्याज की माफी समेत आर्थिक पैकेज की मांग कर रहे जम्मू कश्मीर के ट्रांसपोर्टरों और सरकार के बीच टकराव की स्थिति खत्म हो गई है.


गुरूवार को प्रशासन और ट्रांसपोर्टरों के बीच वार्ता का पहला दौर सफल रहा. परिवहन विभाग, डीएम जम्मू और ऑल जेएंडके ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन के बीच चली बैठक में ट्रांसपोर्टरों ने बताया कि उत्तराखंड और हरियाणा सहित अन्य राज्यों में यात्री वाहनों को सड़कों पर यात्री किराए में बढ़ोतरी करने के बाद दौड़ाने की अनुमति दी गई है. लेकिन, प्रदेश के ट्रांसपोर्टरों को 2 महीने से भी अधिक समय से वाहन नहीं चलाने दिए जा रहे हैं. जिसके चलते उन्हें करोड़ों का नुकसान हुआ है.


जम्मू कश्मीर में करीब सत्तर हजार कमर्शियल वाहन हैं जो लॉकडाउन के चलते पिछले 2 महीनों से सड़कों पर नहीं उतरे हैं. केंद्र सरकार की तरफ से जारी राहत पैकेज मैं ट्रांसपोर्टरों का जिक्र न होने से नाराज जम्मू कश्मीर के इन ट्रांसपोर्टरों ने सरकार से मांग की कि उन्हें भी वित्तीय मदद की जाए. ट्रांसपोर्ट और सरकार के बीच वार्ता का दूसरा दौर 10 जून को होगा और इसमें सरकार की ओर से मिलने वाले दिशानिर्देशों को सार्वजनिक किया जाएगा.


फिलहाल ऑल जेएंडके ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन ने 10 जून तक अपना आंदोलन वापस लेने का भी ऐलान किया है.


यह भी पढ़ेंः


मजदूरों के पलायन पर सुप्रीम कोर्ट के जज ने जताई चिंता, कहा- इससे गरीबी और असमानता बढ़ेगी


आख़िर क्या हो लड़कियों की शादी की उम्र? मोदी सरकार ने किया टास्क फोर्स का गठन, जया जेटली होंगी अध्यक्ष