Jammu Kashmir Transporters Strike : केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर के ट्रांसपोटर्स जल्द ही राज्य व्यापी हडताल पर जा सकते हैं. उन्होंने राज्य सरकार के प्रतिनिधिमंडल को अल्टीमेटम देते हुए कहा, अगर उनकी मांगे जल्द पूरी नहीं की गई तो वह अनिश्चितकाल तक के लिए हडताल पर जा सकते हैं.


ऑल जम्मू एंड कश्मीर ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन के बैनर तले जम्मू कश्मीर के ट्रांसपोर्टर अपनी 5 मांगे मनवाने के लिए प्रदेश प्रशासन से आर-पार की लड़ाई के मूड में है. जम्मू कश्मीर प्रशासन को 10 दिन का अल्टीमेटम देते हुए प्रदेश के ट्रांसपोर्टर्स ने एलान किया है कि अगर उनकी पांच मांगे अगले 10 दिन के अंदर नहीं मानी गईं तो वह 17 अप्रैल से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे.


ट्रांसपोर्टरों की हड़ताल से उरी से लेकर लखनपुर तक करीब 70 हजार कमर्शियल वाहनों के चक्के जाम हो जाएंगे.  


क्या मांग कर रहे हैं ट्रांसपोर्टर?
जम्मू कश्मीर के ट्रांसपोर्टर की मांग है कि 1 साल के एडवांस पैसेंजर टैक्स की अदायगी में उनको छूट दी जाए और शहर में चलने वाले ई-रिक्शा के रूट की पहचान की जाए. उनकी मांग है, कमर्शियल वाहनों की फिटनेस फीस निर्धारित की जाए.  कमर्शियल वाहनों के फिटनेस सर्टिफिकेट  रिन्यू किए जाएं और कमर्शियल वाहनों के रूट परमिट भी रिन्यू कर दिए जाएं.


राज्यपाल से भी कर चुके हैं मुलाकात
एसोसिएशन के मुताबिक ट्रांसपोर्ट अपनी मांगों को लेकर उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से भी भेंट कर चुके हैं और उनको ज्ञापन भी सौंप चुके हैं लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई है. ट्रांसपोर्ट्स ने धमकी दी है कि अगर अगले 10 दिनों में उनकी मांगे पूरी नहीं की जाती तो प्रदेश भर में 70 हजार से अधिक कमर्शियल वाहन पूरी से लेकर लखनपुर तक 17 अप्रैल से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे.


ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन का दावा है कि 31 मार्च के बाद ट्रांसपोर्ट विभाग की ओर से ट्रांसपोर्ट रूप से एडवांस में 1 वर्ष का पैसेंजर टैक्स वसूलने की प्रक्रिया जारी है जो सरासर गलत है. 


'ई-रिक्शा वालों से परेशानी का किया दावा'
ट्रांसपोर्टरों का दावा है, किसी भी राज्य में एडवांस में पैसेंजर टैक्स वसूलने की नीति नहीं है और प्रशासन को चाहिए था कि एडवांस में 1 वर्ष के पैसेंजर टैक्स के बजाय तिमाही के आधार पर टैक्स वसूलने के निर्देश जारी किए जाते. ई-रिक्शा चालकों पर मनमानी करने का आरोप लगाते हुए ट्रांसपोर्टर दावा कर रहे हैं कि किसी भी अन्य राज्य में ई-रिक्शा 2 किलोमीटर से ज्यादा दूरी पर नहीं चलते और उनके लिए रूट पहले ही बनाए जाते हैं. 


ट्रांसपोर्टरों ने यह भी दावा किया कि जनवरी में जम्मू के डीएम की ओर से जारी आदेश में ई-रिक्शा के लिए शहर भर में 92 रूट निर्धारित किए गए थे, लेकिन इसके बावजूद ई-रिक्शा शहर के भीतरी इलाकों में चलाए जा रहे हैं जोकि अन्याय है. ट्रांसपोर्टरों ने मांग करते हुए कहा, जो ई रिक्शा निर्धारित रूटों के अलावा अन्य रूटों पर चला रहे हैं उन पर कार्यवाही की जानी चाहिए. 


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