Covid-19 In India: कोरोना की तीन लहरें भारत के लोगों की जिंदगी में उथल-पुथल मचा चुकी है, वो समय देश अभी भी भूला नहीं है. इस बीच देश में कोरोना के रोजाना मामलों में आई तेजी ने एक बार फिर से लोगों के मन में डर पैदा कर दिया है. हालांकि, एक्सपर्ट का कहना है कि कोरोना मामलों में उछाल से सावधान रहने की जरूरत है, घबराने की नहीं.

एक्सपर्ट कहना है कि कोविड मामलों में वर्तमान उछाल किसी नई लहर का संकेत नहीं है. यह उछाल हल्का है और कुछ दिनों में कम हो सकता है. संभवतः अप्रैल के दूसरे हफ्ते से कोरोना मामलों में गिरावट शुरू हो सकती है.

इन लोगों को अतिरिक्त सावधानी की जरूरत

एक्सपर्ट ने उन लोगों, जो पहले से ही किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं या जो बुजुर्ग मरीज हैं, उन्हें अतिरिक्त सावधानी बरतने की सलाह दी है. ऐसे लोगों के संक्रमित होने का खतरा ज्यादा है. एक्सपर्ट ने बताया कि कैसे कोविड मामलों में मौजूदा उछाल पिछली तीन लहरों से अलग हैं.

एक्सपर्ट के मुताबिक, वायरस का पैटर्न वही है जो 3 महीने पहले था, तब भी मामले उसी तरह बढ़ रहे थे. इस बार इन्फ्लुएंजा के डर से लोग अस्पतालों में जा रहे हैं और इस दौरान उनका कोरोना टेस्ट हो रहा है. यही कारण है कि अधिक कोरोना के मामले सामने आ रहे हैं.

इंडिया टुडे से बातचीत में डॉ. शुचिन बजाज ने कहा, “भारत में कोविड-19 को लेकर, किसी भी तारीख के बारे में कुछ भी कहना असंभव है. कोविड-19 मामलों के तेजी से बढ़ते आंकड़ों के साथ ये भी दिन-ब-दिन बदलते रहते हैं.

15-20 दिनों में टॉप पर फिर गिरेंगे आंकड़े

कोविड एक्सपर्ट का कहना है कि पिछली लहर से वायरस पैटर्न में अंतर को समझना जरूरी है क्योंकि वे हमें वायरस के संक्रमण को रोकने के उपाय बनाने में मदद कर सकते हैं. पिछले रुझानों के अनुसार, कोरोना मामलों में उछाल अगले 15-20 दिनों में टॉप पर पहुंच सकता है. इसके बाद यह नीचे आने शुरू हो जाएगी.

एक्सपर्ट इसके लिए वर्तमान उछाल का उदाहरण देते हैं. उनके मुताबिक, कोविड मामलों की संख्या बढ़ रही है, लेकिन इसकी रफ्तार धीमी है. यह अत्यधिक संक्रामक प्रतीत नहीं होता है, वरना पिछले दो हफ्तों में संख्या बहुत अधिक हो सकती थी."

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