जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले के हीरानगर सेक्टर में रविवार (23 मार्च, 2025) को सुरक्षाबलों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ हुई. इस दौरान एक महिला की बहादुरी और सूझबूझ के कारण बड़ा हमला टल गया और सुरक्षा बल आतंकवादियों के करीब पहुंचने में सफल रहे.
घटना की प्रत्यक्षदर्शी एक महिला ने मीडिया को बताया कि वह और उनके पति जंगल में लकड़ियां लेने के लिए गए थे. जब वह घने जंगल में कुछ ही दूर पहुंचे, तो उन्होंने देखा कि वहां 5-6 आतंकवादी घात लगाए बैठे थे. आतंकवादियों ने महिला के पति को पकड़ लिया और फिर महिला को भी अपने पास बुलाया. इसके बाद महिला ने आतंकवादियों से यह कहकर अपनी जान बचाई कि वह उनके बारे में किसी को कुछ नहीं बताएगी. इसके बाद आतंकियों ने महिला और उसके पति को छोड़ दिया.
महिला ने दिया बहादुरी का परिचयमहिला ने कहा कि इसके बाद मैं अपने पति के साथ वहां से भाग निकली. इस दौरान मैंने सोचा कि भागती रहूंगी और इस दौरान अगर गोली भी लग जाए तो भी नहीं रुकूंगी. महिला ने आगे कहा कि गांव पहुंचते ही मैंने अपने जीजा को इसके बारे में बताया और फिर मेरे जीजा ने तुरंत पुलिस और आर्मी को सूचित किया. इसके चंद घंटे के अंदर ही पुलिस और सुरक्षा बल वहां पहुंच गए. महिला ने दावा किया कि आतंकी 5 से 6 की संख्या में हैं और वह काले कपड़े पहने हुए हैं और उनके पीठ पर बैग है.
शुरू में पुंछ और राजौरी जिलों तक सीमित आतंकवादी गतिविधियां अब जम्मू के अन्य क्षेत्रों में भी फैल गई हैं, जिनमें कुछ साल पहले तक अपेक्षाकृत ऐसी घटनाओं से मुक्त रहे चिनाब घाटी, जिसे आतंकवाद मुक्त घोषित किया गया है और उधमपुर तथा कठुआ जैसे क्षेत्र भी शामिल हैं. पूर्व में आतंकवादी वाहनों पर घात लगाकर हमला करते रहे हैं और ग्रेनेड तथा कवच-भेदी गोलियों के साथ-साथ एम 4 असॉल्ट राइफलों का इस्तेमाल करते रहे हैं.
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