केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने पुडुचेरी लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) में भ्रष्टाचार का बड़ा खुलासा किया है. सीबीआई ने चीफ इंजीनियर, एग्जीक्यूटिव इंजीनियर और एक ठेकेदार को 2 लाख रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है. इस मामले की जांच के दौरान आरोपियों के घरों से 73 लाख रुपये नकद बरामद किए गए हैं.

कैसे पकड़ा गया घोटाला?सीबीआई को सूचना मिली थी कि पीडब्ल्यूडी के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर ने चीफ इंजीनियर के लिए रिश्वत मांगी थी. पुडुचेरी के कराईकल में एक सड़क निर्माण का ठेका मिला था, जिसके लिए ठेकेदार को 7.44 करोड़ रुपये का भुगतान होना था. आरोप है कि भुगतान को जल्दी मंजूरी देने और आगे की प्रक्रिया में रुकावट न डालने के लिए अभियंता ने 6 लाख रुपये रिश्वत मांगी थी, जो कुल प्रोजेक्ट लागत का करीब 1 प्रतिशत थी. सीबीआई ने 22 मार्च 2025 को जाल बिछाया और जैसे ही ठेकेदार ने 2 लाख रुपये रिश्वत दी, अधिकारियों को मौके पर ही गिरफ्तार कर लिया गया. जांच में ठेकेदार की कार से भी 50,000 रुपये मिले.

छापेमारी में मिला 73 लाख रुपये नकदगिरफ्तारी के बाद सीबीआई ने आरोपियों के घरों और दफ्तरों पर छापेमारी की. इस दौरान चीफ इंजीनियर एम. दिनधायलन के घर से 65 लाख रुपये नकद मिले जबकि एग्जीक्यूटिव इंजीनियर आर. चिदंबरनाथन के घर से 8 लाख रुपये नकद बरामद हुए. कुछ अहम दस्तावेज भी मिले हैं, जिनसे और घोटालों का खुलासा हो सकता है.

गिरफ्तार आरोपी कौन हैं?1. डॉ. एम. दिनधायलन, चीफ इंजीनियर, लोक निर्माण विभाग, पुडुचेरी सरकार2. आर. चिदंबरनाथन, एग्जीक्यूटिव इंजीनियर, बिल्डिंग्स और रोड्स डिवीजन, कराईकल, लोक निर्माण विभाग, पुडुचेरी सरकार3. एन. एलामुरुगन, पीडब्ल्यूडी ठेकेदार (निजी व्यक्ति)

कोर्ट ने भेजा जेल, जांच जारी23 मार्च 2025 को तीनों आरोपियों को कराईकल की अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. सीबीआई मामले की जांच कर रही है और संभावना है कि इस घोटाले में और नाम सामने आ सकते हैं. लोक निर्माण विभाग (PWD) देशभर में सरकारी सड़क, पुल, सरकारी इमारतों और अन्य ढांचागत सुविधाओं के निर्माण और रखरखाव का काम देखता है लेकिन इस विभाग में रिश्वतखोरी और ठेका घोटालों की शिकायतें पहले भी आती रही हैं.

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