पूरे जम्मू कश्मीर में जहां स्वास्थ्य विभाग ने पहाड़ी और दुर्गम इलाकों में जाकर कोरोना की "तीसरी लहर" से पहले सभी लोगों को वैक्सीन लगाने का बेड़ा उठाया है. हालांकि, सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों में से एक बडगाम में वैक्सीनेशन पर ज्यादा ज़ोर दिया जा रहा है. बडगाम ज़िले में गर्मियां शुरू होते ही बड़ी संख्या में स्थानीय लोग पहाड़ो में अपने मवेशी ले जा कर रहते हैं और 4-5 महीने बाद ही वापस लौटते हैं.  


श्रीनगर से 42 किलोमटेर दूर बडगाम ज़िले के दौदपथरी में आज कल यह नज़ारा पिछले कुछ दिन से दिख रहा है. बडगाम ज़िले के स्वास्थ्य विभाग ने दौदपथरी में गर्मियों के दिनों में आने वाले सेंकडो प्रवासी गुज्जर और बकरवाल समुदाय को वैक्सीन लगाने की विशेष मुहीम चल रही है, और अब तक इलाके में 80 प्रतिशत लोगों को वैक्सीन भी लगाई जा चुकी है. बडगाम जिला कश्मीर घाटी में "रेड जोन" वाले जिलों में शामिल है.   


बडगाम के चीफ मेडिकल ऑफिसर डॉ तजामुल हुसैन खान के अनुसार बडगाम ज़िले में 45 साल से ज्यादा उम्र के लोगों में भले ही 73 प्रतिशत लोगों को वैक्सीन लगाया जा चुका है लेकिन ज़िले में ज्यादा लोग 18-44 साल की श्रेणी में आते हैं, इसीलिए इस ग्रुप को टारगेट में रखते हुए यह मुहिम शुरू की गयी है और अब तक वैक्सीनेशन से बचे रहे इलाकों को चुना गया है.  


दौदपथरी का इलाका एक टूरिस्ट स्पॉट होने के साथ-साथ बकरवाल और गुज्जर समुदाय के लिए एक चरागाह भी है. समंदर से 8,957 फीट की ऊंचाई पर होने के कारण यहां पर मौसम काफी ठंडा रहता है. इलाके तक पहुंचने के लिए स्वस्थ्य विभाग की टीम को कई-कई किलोमीटर पैदल चल कर जाना पड़ रहा है.  


पहाड़ी इलाके में रहने वाले लोगो तक पहुंचने के लिए स्वास्थ्य विभाग टीम को इलाके से बहने वाली दूधगंगा दरिया को पार करना पड़ता है, और पहाड़ी नदी होने के कारण यह नदी ऊफान पर रहती है, लेकिन स्वास्थ्यकर्मियों के लिए ना तो नदी और ना ही पहाड़ और पत्थर कोई अड़चन बन सके हैं.  


स्वास्थ्यकर्मी चरागाह में जहां एक तरफ लोगों को टीका लगा रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ पहाड़ो में बने अस्थाई मकान, जिनको ढोक कहा जाता है, में जाकर महिलाओं को वैक्सीन लगाया जा रहा है. 


राबिया नाम की एक नर्स ने कहा कि हम को भले ही बहुत ज्यादा मुश्किलों के साथ इस दुर्गम इलाके में आना पड़ा हो, लकिन शुक्र इस बात का है कि यहां पर लोगो में वैक्सीनेशन के प्रति कोई दुष्प्रचार नहीं पहुंचा है. लोगों को सुई लगाने से भले ही डर लगता हो लेकिन वैक्सीन लेने के लिए सभी तैयार हो रहे हैं.  


जम्मू कश्मीर में भले ही कोरोना के एक्टिव मामले 20 हज़ार से कम हो गए हैं, लेकिन लगातार कोरोना के कारण होने वाली मृत्यु चिंता का कारण है. नए मामलो में ज्यादातर मामले अब दूर दराज़ के इलाकों से आ रहे हैं, जिसके कारण दोदपथरी में टीककरण के साथ साथ मास टेस्टिंग भी की जा रही है.  


पिछले 24 घंटो में कश्मीर घाटी से आने वाले नए कोरोना मामलो में 20 प्रतिशत मामले बडगाम से आये थे और इस के पीछे कारण लोगों के स्वास्थ्य सेवा केन्द्रों से दूरी को माना जा रहा है. जहां बाकी देश में वैक्सीन को लेकर लोगों में बढ़ते दुष्प्रचार का असर वैक्सीनशन की रफ़्तार पर हो रहा है. लेकिन कश्मीर घाटी में स्वास्थ्यकर्मी मैदान में आकर ऐसी किसी भी घटना को रोकने में जुट गए हैं. जम्मू कश्मीर में अभी भी 70 प्रतिशत लोग वैक्सीनशन से दूर है और इस पर विशेषज्ञ चिंता जता रहे हैं.