जम्मू: जम्मू कश्मीर में हाल ही में संपन्न हुए जिला विकास परिषद के चुनाव से उत्साहित बीजेपी प्रदेश में जल्द ही विधानसभा चुनाव करने की उम्मीद लगा रही है. लेकिन, वहीं विपक्ष और जानकार प्रदेश में विधानसभा चुनाव के जल्द होने की संभावना से इंकार कर रहे हैं.


हाल ही में संपन्न हुए जम्मू कश्मीर जिला विकास परिषद के चुनाव में बीजेपी न केवल जम्मू में प्रदर्शन किया है बल्कि वह इतिहास में पहली बार घाटी में भी कमल खिलाने में सफल हुई है. अपनी इस सफलता को लेकर अब बीजेपी के नेता मांग कर रहे हैं कि प्रदेश में जल्द ही विधानसभा चुनाव होने चाहिए. जम्मू कश्मीर के पूर्व उप मुख्यमंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता कविंदर गुप्ता की मानें तो राज्यपाल शासन एक वैकल्पिक व्यवस्था है जो ज्यादा देर तक नहीं चलती. उनके मुताबिक, पार्टी ने जो हाल ही में प्रदर्शन किया है उसके बाद अब जल्द ही प्रदेश में विधानसभा के चुनाव करवाए जाने चाहिए.


वहीं विपक्ष बीजेपी के इन दावों से विपरीत अपनी अलग राय रख रहा है. जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की मानें तो लोगों ने बीजेपी को इन चुनाव में सबक सिखा दिया है. उमर अब्दुल्ला ने कहा कि विभिन्न चुनाव के नतीजों को देखते हुए बीजेपी जल्द प्रदेश में चुनाव नहीं करवाएगी क्योंकि उन्हें लोगों के मूड का पता लग गया है.


जम्मू-कश्मीर की राजनीति पर नजर रखने वाले वरिष्ठ पत्रकार मनु श्रीवत्स मानते हैं कि जम्मू कश्मीर में एक साल तक चुनाव नहीं करवाए जा सकते. उनके मुताबिक प्रदेश में परिसीमन की प्रक्रिया की जानी है. जम्मू कश्मीर में परिसीमन की प्रक्रिया चल रही है जो करीब छह महीनों में पूरी होगी और इसके बाद ही प्रदेश में चुनाव कराए जा सकते हैं.


मनु श्रीवत्स की मानें तो प्रदेश में किसी भी राजनीतिक दल को लोगों का पूरा सहयोग नहीं मिला है और ऐसे में सभी राजनीतिक दलों को आत्म विश्लेषण करने की जरूरत है. जम्मू-कश्मीर में हाल ही में घोषित जिला विकास परिषद के इन चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवारों की बल्ले-बल्ले है क्योंकि जिला विकास परिषद बनाने के लिए अब यह उम्मीदवार एक महत्वपूर्ण भूमिका में सामने आ रहे हैं.


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