इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता ने दुनिया के सबसे ज्यादा जनसंख्या वाले शहर का तमगा हासिल कर लिया है. संयुक्त राष्ट्र की 18 नवंबर को सामने आई नई रिपोर्ट वर्ल्ड अर्बनाइजेशन प्रोस्पेक्टस, 2025 के मुताबिक, जकार्ता करीब 4.2 करोड़ की आबादी के साथ अब जापान की राजधानी टोक्यो को पीछे छोड़ते हुए पहले स्थान पर पहुंच गया है, जो कि कनाडा जैसे देश की कुल जनसंख्या के बराबर है.  

Continues below advertisement

रिपोर्ट के मुताबिक, बांग्लादेश की राजधानी ढाका इस लिस्ट में दूसरे स्थान पर है, जिसकी आबादी करीब 3.7 करोड़ है. वहीं, लंबे समय तक पहले स्थान पर रहा टोक्यो अब खिसककर तीसरी स्थान पर पहुंच गया है और इस लिस्ट में भारत की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली चौथे स्थान पर है.

33वें स्थान से चढ़कर पहले पायदान पर कैसे पहुंचा जकार्ता

Continues below advertisement

संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट इसलिए भी चौंकाने वाली है कि क्योंकि साल 2018 की UN रिपोर्ट में जकार्ता की स्थिति 33वें स्थान पर थी और उसकी आबादी मात्र 1.1 करोड़ बताई गई थी, जबकि टोक्यो उस समय दुनिया का सबसे ज्यादा आबादी वाला शहर माना जाता था, जिसकी जनसंख्या करीब 3.7 करोड़ थी.

दरअसल, यह बड़ा बदलाव संयुक्त राष्ट्र की ओर से अपनाई गई नई गणना पद्धति में बड़े परिवर्तन के बाद आया है. पहले संयुक्त राष्ट्र शहरी आबाद के आंकड़े मुख्य रूप से संबंधित देशों के सरकारी रिकॉर्ड और राष्ट्रीय सांख्यिकी पर आधारित होते थे, लेकिन इसमें दिक्कत यह थी कि हर देश अपनी सुविधा के मुताबिक शहर की सीमाएं तय करता था. कुछ देश सिर्फ नगर निगम क्षेत्र को शहर मानते थे, तो कुछ पूरे महानगरीय इलाके को. इससे वैश्विक तुलना में असमानता पैदा होती थी.

वहीं, इस साल 2025 में इसी कमी को दूर करते हुए संयुक्त राष्ट्र ने सभी देशों के लिए शहर, कस्बे और ग्रामीण क्षेत्र को वर्गीकृत करने के लिए एक ही मापदंड लागू किया. नए तरीके में यह देखा गया कि शहर असल में वहां तक फैला हुआ है, जहां लोग काम करते हैं, रहते हैं और रोजमर्रा की जिंदगी शहर से जुड़ी है, उन्हें भी शहरी आबादी में शामिल किया गया.

UN के नए तरीके का जकार्ता में दिखा व्यापक असर

जकार्ता के मामले में इस नए तरीके का सबसे ज्यादा असर दिखा. जकार्ता जावा द्वीप के उत्तर-पश्चिमी तट पर फैला हुआ है और इसके आसपास कई घनी आबादी वाले क्षेत्र हैं, जो असल में शहर का ही हिस्सा हैं, लेकिन इंडोनेशिया की आधिकारिक गणना में इन इलाकों को लंबे समय तक जकार्ता महानगरीय क्षेत्र का हिस्सा नहीं माना गया था. नई तरीके से गणना में इन सभी इलाकों को भी जोड़ा गया जिससे कि जकार्ता की आबादी तेज से बढ़कर 3 करोड़ के आंकड़े तक पहुंच गई.

यह भी पढ़ेंः ‘भारत दुनिया के तीसरा सबसे बड़ा घरेलू एविएशन मार्केट’, हैदराबाद में सफरान MRO केंद्र के उद्घाटन पर बोले पीएम मोदी