जहांगीरपुरी हिंसा मामले में पुलिस अब उन चेहरों से पर्दा हटा रही है, जिन्होंने सांप्रदायिक हिंसा की पूरी पटकथा लिखी है. हिंसा की जांच क्राइम ब्रांच को ट्रांसफर हो गई है और इलाके में अमन-चैन को तार-तार करने वालों को पकड़ने के लिए पुलिस लगातार दबिश दे रही है. हिंसा की स्क्रिप्ट लिखने वालों में अब तक असलम, अंसार, सलीम चिकना और सोनू चिकना को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है. जबकि विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) नेता प्रेम शर्मा को बिना इजाजत जुलूस निकालने के मामले में पुलिस ने अरेस्ट किया है. अब सवाल उठ रहा है कि हिंसा भड़काने के मामले में अभी कितने चेहरों का नाम सामने आना बाकी है. आइए आपको बताते हैं कौन हैं हिंसा की स्क्रिप्ट के खलनायक.


मोहम्मद अंसार: दिल्ली पुलिस के डॉजियर के मुताबिक मोहम्मद अंसार का जन्म जहांगीरपुरी की झुग्गी बस्ती में ही हुआ. 1980 में पैदा हुआ अंसार कबाड़ी का काम करता है. पुलिस के मुताबिक अपराध से इसका पुराना नाता है. वो जेल की हवा भी खा चुका है. जहांगीरपुरी पुलिस की फाइल में दो बार इसके नाम दर्ज हुए हैं. 


फरवरी 2019 में अंसार को चाकू के साथ गिरफ्तार किया गया था. तब इसके खिलफ आर्म्स एक्ट की धारा लगाई गई थी. दूसरा मामला जुलाई 2018 का है. जब सरकारी कर्मचारी पर हमला करने और सरकारी काम में बाधा डालने के आरोप लगे और मुकदमा दर्ज हुआ था. वह महज चौथी क्लास तक ही पढ़ा है. कोर्ट जाते वक्त अंसार ने पुष्पा का सिग्नेचर मूव भी करके दिखाया था. कोर्ट ने सोमवार को अंसार को दो दिन की पुलिस कस्टडी में भेजा था. 


असलम: आरोप है कि अंसार के साथी असलम ने गोली चलाई थी. उसे भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. दिल्ली पुलिस ने कोर्ट को बताया था कि 15 तारीख को अंसार और असलम को पता लग गया था कि एक यात्रा निकलने वाली है. इसके बाद इन लोगों ने साजिश रची थी. पुलिस के मुताबिक असलम ने एक गोली भी चलाई थी, जो एक सब-इंस्पेक्टर को लगी. उसके पास से पिस्टल बरामद कर ली गई है. उसे भी पुलिस कस्टडी में भेजा जा चुका है.


पुलिस के एक शीर्ष अधिकारी के मुताबिक असलम को जहांगीरपुरी पुलिस स्टेशन में 2020 में धारा 324 (स्वेच्छा से खतरनाक हथियारों या साधनों से चोट पहुंचाना), 188 (लोक सेवक द्वारा विधिवत आदेश की अवज्ञा), 506 (आपराधिक धमकी) और भारतीय दंड संहिता की  धारा 34 (सामान्य इरादे) के तहत दर्ज मामले में भी शामिल पाया गया है.  


गुल्ली: जहांगीरपुरी हिंसा मामले में अब तक पुलिस ने 24 लोगों को गिरफ्तार किया है. इसमें 3 नाबालिग हैं. दंगाइयों को पकड़ने के लिए पुलिस लगातार जुटी हुई है. जांच में सामने आया कि असलम को फायरिंग करने के लिए इलाके के ही एक क्रिमिनल गुल्ली ने भड़काया था. गुल्ली को पकड़ने की कवायद जारी है. एक और शख्स जो फायरिंग करता नजर आया था, उसकी भी पहचान हो गई है. उसे पकड़ने के लिए छापेमारी जारी है. 


सोनू चिकना उर्फ इमाम उर्फ यूनुस: जहांगीरपुरी हिंसा में गिरफ्तार हुए सोनू उर्फ यूनुस से पुलिस की टीम लगातार पूछताछ कर रही है. पूछताछ में सोनू ने गोली चलाने की बात कुबूल की है. पुलिस ने सोनू के पास से वो पिस्तौल भी बरामद कर ली है, जिससे उसने गोली चलाई थी. पुलिस के सूत्रों की मानें तो वो एक कंट्री मेड पिस्तौल है. 


पुलिस के सूत्रों ने बताया ये पिस्तौल उसने दिल्ली में ही अपने किसी जानने वाले शख्स से ली थी वो कौन है इसी का जवाब पुलिस तलाश रही है. अभी तक की पूछताछ में सोनू ने जो बातें बताई है उसे पुलिस वेरिफाई कर रही है. पुलिस सोनू के जवाबों से संतुष्ट नहीं है. यही वजह है कि कोर्ट में सोनू को पेश करने के बाद पुलिस उसकी रिमांड की मांग करेगी ताकि उससे सच उगलवाया जा सके.


प्रेम शर्मा: दिल्ली पुलिस ने जहांगीरपुरी इलाके में बिना अनुमति के धार्मिक शोभायात्रा निकालने पर विश्व हिंदू परिषद (विहिप) और बजरंग दल के सदस्यों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है. पुलिस ने हनुमान जयंती पर शोभायात्रा के दौरान हिंसा के मामले में विहिप जिला सेवा प्रमुख प्रेम शर्मा को गिरफ्तार किया है. पुलिस उपायुक्त (उत्तर पश्चिम) ऊषा रंगनानी ने कहा कि भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के तहत मामला दर्ज किया गया है. उन्होंने कहा, बिना अनुमति के शनिवार शाम को शोभायात्रा निकाली गयी और इस सिलसिले में विश्व हिंदू परिषद के जिला सेवा प्रमुख प्रेम शर्मा को गिरफ्तार कर लिया गया है.


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