Waqf Amendment Bill: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) प्रमुख और लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने आरोप लगाया है कि संसदीय कमेटी के चेयरमैन जंगदंबिका ने अपनी ताकत का गलत इस्तेमाल करते हुए गलत तरीके से असल मुद्दों को रिपोर्ट से हटा दिया है. वहीं, समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि रिपोर्ट पूरी तरह नियमों के अनुसार बनाई गई है.

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जगदंबिका पाल ने पलटवार करते हुए कहा, "ओवैसी लोगों को गुमराह कर रहे हैं जबकि वह खुद कमेटी के सदस्य हैं, कोई भी एक इंच जमीन नहीं ले रहा, वक़्फ़ बाय यूजर को लेकर भी गुमराह किया जा रहा है वह पहले से नहीं बल्कि आगे से लागू होगा. विरोध की आवाज कहीं से दबाई नहीं गई 482 पानी की रिपोर्ट के साथ 221 पन्नों का जो डीसेंट नोट दिया गया है वह भी लगाया गया है और सब नियमों के हिसाब से है."

'जानकारी के बिना हटाए गए मेरे नोट'ओवैसी ने एक्स पर लिखा, ‘‘मैंने वक्फ संशोधन विधेयक के खिलाफ संयुक्त समिति को एक विस्तृत असहमति नोट सौंपा था. यह चौंकाने वाली बात है कि मेरे नोट के कुछ हिस्सों को मेरी जानकारी के बिना संपादित किया गया. हटाए गए खंड विवादास्पद नहीं थे; उनमें केवल तथ्य बताए गए थे.’’ उन्होंने कहा कि समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल जैसी रिपोर्ट चाहते थे, वैसी रिपोर्ट तैयार करवा ली , लेकिन विपक्ष की आवाज को क्यों दबाया गया? 

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ओवैसी के आरोप130 पन्नों से अधिक का असहमति नोट था, लेकिन रिपोर्ट में उसका कुछ हिस्सा शामिल नहीं किया गया.8 से 10 पैराग्राफ को ब्लैक आउट कर दिया गया.40 असहमति बिंदुओं को हटा दिया गया.रिपोर्ट में यह दावा किया गया कि वक्फ आदिवासियों की जमीन पर कब्जा कर रहा है, जिसे लेकर उन्होंने आपत्ति जताई.

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