जम्मू कश्मीर सरकार ने कश्मीर में ग्रामीण महिला आजीविका मिशन के दुसरे चरण की शुरुआत कर प्रदेश में काम कर रहे 48 हज़ार सेल्फ हेल्प ग्रुप के लिए "मार्केटिंग" सुविधाएं प्राप्त करवाने कि शुरुआत कर दी है. इस नई स्कीम का नाम "साथ" रखा गया है. श्रीनगर में आज एक कार्यक्रम में इस प्रोग्राम की शुरुआत की गई.  


"साथ" स्कीम के तेहत अगले कुछ महीनों में 5 हज़ार से जायदा महिलों को मार्केटिंग और ब्रांड बिल्डिंग कि ट्रेनिंग दी जाएगी. जिसके बाद इनमें से 500 महिलाओं को चुन कर आगे की कैपेसिटी बिल्डिंग की ट्रेनिंग मिलेगी. आखिरी चरण में 100 महिलाओं का चयन किया जाएगा. जिनको अगले 3 सालों तक सरकार न सिर्फ आर्थिक अनुदान देगी पर साथ-साथ उनके तैयार प्रोडक्ट की ब्रांडिंग और मार्केटिंग भी करेगी.


ग्रामीण महिला आबादी के 66% तक पहुंचना उद्देश्य 


राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन जम्मू-कश्मीर राज्य में उम्मेद नाम से जम्मू और कश्मीर ग्रामीण आजीविका मिशन के रूप में चलाया जा रहा है. यह योजना तत्कालीन 125 ब्लॉकों में ग्रामीण महिला आबादी के 66% तक पहुंचने के उद्देश्य से शुरू की गई थी. उन्हें स्थायी आजीविका के अवसरों से जोड़ना और उन्हें तब तक मदद तब तक जारी रखने जब तक वे गरीबी से बाहर नहीं आ जाते और जीवन की एक अच्छी गुणवत्ता का आनंद नहीं लेते.


अब तक जम्मू कश्मीर कि 4 लाख से जायदा ग्रामीण महिलाएं 48 हज़ार सेल्फ हेल्प ग्रुप के ज़रिये इस योजिना के साथ जुड़ कर अपनी आजीविका कम रही है. इस साल के अंत तक 1100 और सेल्फ हेल्प ग्रुप को योजना के साथ जोड़ा जाएगा. अब तक सरकार ने इन सेल्फ हेल्प ग्रुप्स को 900 करोड़ रूपये की राशी आवंटित की है.


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