जम्मू: जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव की अटकलों के बीच जम्मू को अलग राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग तेज हो गई है. बुधवार को कश्मीर में गुप्कार गठबंधन ने प्रदेश को राज्य का दर्जा देकर धारा 370 की बहाली की मांग दोहराई हैं.  जहां एक तरफ केंद्र सरकार प्रदेश में परिसीमन कर जम्मू और कश्मीर संभाग में विधानसभा की सीटों के अंतर को खत्म करना चाहती है, वहीं दूसरी तरफ प्रदेश में पूरा विपक्ष जम्मू कश्मीर को दोबारा राज्य का दर्जा देकर धारा 370 की बहाली की मांग पर अड़ा है.


फारूक अब्दुल्ला की अध्यक्षता में हुई गुप्कार गठबंधन की बैठक


बुधवार को जहां एक तरफ प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ फारूक अब्दुल्ला की अध्यक्षता में गुप्कार गठबंधन की बैठक हुई, जिसमें प्रदेश को दोबारा राज्य का दर्जा देकर धारा 370 की बहाली की मांग को दोहराया गया. वहीं, गुरुवार को जम्मू में विपक्ष ने जम्मू को अलग राज्य का दर्जा देने की मांग दोहराई.


गुरुवार को जम्मू में शिवसेना और डोगरा फ्रंट ने मांग की के जम्मू को जल्द से जल्द अलग राज्य का दर्जा दिया जाना चाहिए. हालांकि, डोगरा फ्रंट ने यह साफ किया कि वह गुप्कार गठबंधन के साथ नहीं है, क्योंकि कश्मीर में पाकिस्तान परस्त ताकते अभी भी सक्रिय हैं, जबकि जम्मू में लोग राष्ट्र भक्त हैं.


पाकिस्तान द्वारा समर्थित गठबंधन की मांग नहीं


उन्होंने कहा कि वह ऐसे किसी गठबंधन की किसी मांग का समर्थन नहीं करता जो पाकिस्तान द्वारा समर्थित हो. डोगरा फ्रंट के प्रधान अशोक गुप्ता के मुताबिक, जम्मू के लोग ना तो पत्थर बाजी में संलिप्त है और ना ही वह पाकिस्तानी झंडे उठाते हैं, ऐसे में जम्मू को जल्द अलग राज्य का दर्जा देकर यहां चुनाव कराए जाने चाहिए.


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