भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) चंद्रयान-3 और आदित्य एल-1 के बाद एक और मिशन की तैयारी में जुटा है. इसरो  17 फरवरी यानी शनिवार को मौसम सैटेलाइट INSAT-3DS लॉन्च करेगी. खास बात ये है कि इस सैटेलाइट को जिस रॉकेट से लॉन्च किया जाएगा, उसे भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी का 'नॉटी बॉय' कहा जाता है. INSAT-3DS  सैटेलाइट से बेहतर मौसम पूर्वानुमान और आपदा संबंधी जानकारी मिल सकेगी. 


जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (GSLV)  शनिवार शाम 5.35 बजे आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से INSAT-3DS सैटेलाइट के साथ उड़ान भरेगा. इस रॉकेट को इसरो के एक पूर्व अध्यक्ष ने 'नॉटी बॉय' कहा था. दरअसल, रॉकेट ने अब तक 15 लॉन्चिंग में हिस्सा लिया है, लेकिन 6 में इसने सटीक नतीजे नहीं दिए. इस रॉकेट का फेलियर रेट 40% है. जीएसएलवी की आखिरी लॉन्चिंग 29 मई, 2023 को हुई थी, जो सफल रही थी. हालांकि, इससे पहले 12 अगस्त, 2021 को हुआ प्रक्षेपण असफल रहा था. 


वहीं, इसरो का दूसरा जीएसएलवी मार्क -3, जिसे 'बाहुबली रॉकेट' भी कहते हैं, इससे 7 लॉन्चिंग की गई हैं. ये सभी सफल रही हैं. जबकि इसरो के पीएसएलवी की 60 यात्राओं में सिर्फ तीन विफल रहीं. इसका सक्सेस रेट 95%  है.


कितना अहम है INSAT-3DS?


वेदर सैटेलाइट  INSAT-3DS काफी अहम माना जा रहा है. INSAT-3DS इसरो द्वारा भूस्थैतिक कक्षा में स्थापित किए जाने वाले तीसरी पीढ़ी के मौसम उपग्रह का नया मिशन है. इसरो के मुताबिक, ये सैटेलाइट अपनी कक्षा में पहुंचने के बाद मौसम संबंधी बेहतर जानकारी, मौसम की भविष्यवाणी और आपदा चेतावनी की निगरानी आसानी से कर सकेगा. इसे इसरो ने भूमि और महासागर सतहों की निगरानी करने के लिए डिजाइन किया गया है. 


इसरो ने बताया कि यह सैटेलाइट बहुत खास है, इसकी भारत को बहुत जरूरत है. इससे मौसम और जलवायु निगरानी को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी. इस सैटेलाइट का वजन 2,274 किलोग्राम है और इसे लगभग 480 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है. इसे पूरी तरह से पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय द्वारा फंड दिया गया है.