Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव में लगभग दो महीने का समय बाकी बचा है. सभी राजनीतिक पार्टियां अपनी तैयारियों में जुटी हुई है. हालांकि, चुनाव से पहले ही बीजेपी का मुकाबला करने के लिए बनाया गया इंडियन नेशनल डेमोक्रेटिक इंक्लूसिव अलायंस (इंडिया अलायंस) चुनाव से पहले ही ताश की पत्तों की तरह बिखरता जा रहा है.  


इंडिया गठबंधन में शामिल नेशनल कॉन्फ्रेंस ने भी अपना रास्ता अलग कर लिया है. हाल ही में नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने  लोकसभा चुनाव में अकेले लड़ने का दावा किया था. उन्होंने कहा कि नेशनल कॉन्फ्रेंस जम्मू कश्मीर में अपने बलबूते पर चुनाव लड़ेगी. पिछले 7 महीने में यह इंडिया गठबंधन को लगने वाला 5वां झटका है. 


इंडिया गठबंधन से नीतीश कुमार का एग्जिट
इससे पहले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इंडिया गठबंधन छोड़ वापस एनडीए में शामिल हो गए थे. वह इंडिया गठबंधन में संयोजक का पद ना मिलने से नाराज चल रहे थे. साथ ही जेडीयू सीट बंटवारे में हो रही देरी से नाराज थी. इसके चलते नीतीश कुमार ने अपनी रणनीति बदलने का फैसला किया.


जयंत चौधरी एनडीए में हुए शामिल
हाल ही में राष्ट्रीय लोकदल (RLD) के मुखिया जयंत चौधरी भी एनडीए में शामिल हो गए. जयंत चौधरी इंडिया गठबंधन से कई कारणों से खफा थे. बताया जा रहा है कि वह भी सीट शेयरिंग को लेकर गठबंधन से खुश नहीं थे. खासकर मुजफ्फरनगर सीट को लेकर.  


ममता बनर्जी का अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान  
तृणमूल कांग्रेस (TMC) चीफ और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पहले ही साफ कर चुकी हैं कि वह सूबे में अकेले चुनाव लड़ेंगी. ममता बनर्जी ने दावा किया कि इंडिया अलायंस ने उनके सभी प्रस्तावों को ठुकराया दिया इसलिए उन्होंने अकेले लड़ने का निर्णय लिया है. 


केजरीवाल ने भी अपनाई अलग राह
आम आदमी पार्टी (AAP) ने पंजाब में अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान किया है. वहीं, पार्टी ने दिल्ली में भी कांग्रेस को सिर्फ 1 सीट ऑफर की है. आम आदमी पार्टी के सांसद संदीप पाठक ने कहा कि कांग्रेस के साथ उनकी दो बार मीटिंग हुई. लेकिन निष्कर्ष कुछ नहीं निकला. इसके बाद पिछले 1 महीने में एक भी मीटिंग नहीं हुई. कांग्रेस के किसी नेता को कोई आइडिया नहीं कि कब मीटिंग होगी.


क्यों बिखरा इंडिया अलायंस?
गठबंधन से अलग होने वाले दलों ने कांग्रेस पर सेट शेयरिंग को लेकर देरी करने का आरोप लगाया है. यह दल सीट शेयरिंग में हो रही देरी से खुश नहीं थे. वहीं, दूसरी ओर कुछ दल कांग्रेस के रवैये से भी नाराज थे. नीतीश कुमार और ममता बनर्जी का कहना है गठबंधन में उनको अपमानित किया जा रहा था.


यह भी पढ़ें- नवीन जैन के पास 400 करोड़ ज्यादा की प्रॉपर्टी, आरपीएन सिंह भी करोड़ों के मालिक, जानिए कितने अमीर हैं बीजेपी के उम्मीदवार