ISRO Foreign Satellites Launch: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने पिछले कई सालों में विदेशी उपग्रहों (Satellites) का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया है. इसरो ने इन विदेशी सैटेलाइटों के प्रक्षेपण से करोड़ों रुपये कमाए. यह जानकारी संसद में अंतरिक्ष मंत्री जितेंद्र सिंह ने दी है. एक सवाल के जवाब में केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने गुरुवार (15 दिसंबर) को राज्यसभा को बताया कि इसरो ने विदेशी उपग्रहों के प्रक्षेपण से पिछले पांच सालों में लगभग 1100 करोड़ रुपये कमाए हैं.


पिछले पांच सालों यानी जनवरी 2018 से नवंबर 2022 के बीच इसरो ने इन विदेशी सैटेलाइटों का प्रक्षेपण किया है. इसरो ने अपने कॉमर्शियल हथियारों के माध्यम से  कुल 19 देशों के 177 विदेशी उप्रगह लॉन्च किए हैं. इन 19 देशों में ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, कोलंबिया, फिनलैंड, फ्रांस, इजराइल, इटली, जापान, लिथुआनिया, लक्समबर्ग, मलेशिया, नीदरलैंड, कोरिया गणराज्य, सिंगापुर, स्पेन, स्विट्जरलैंड, ब्रिटेन और अमेरिका भी शामिल है.


करीब 1100 करोड़ रुपये की हुई कमाई


नए आंकड़ों के अनुसार PSLV से राजस्व और वाणिज्यिक समझौतों के तहत जियो सिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (GSLV-MKIII, जिसे अब LVM-3) के रूप में जाना जाता है, लॉन्चर भी शामिल हैं. मंत्री ने राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में कहा कि इन उड़ानों से संगठन को करीब 1100 करोड़ रुपये (94 मिलियन डॉलर और 46 मिलियन यूरो)  की कमाई हुई है.


वहीं, इसके पहले जुलाई में केंद्रीय मंत्री सिंह ने कहा था कि इसरो ने अपने जीवनकाल में 223 मिलियन डॉलर (1,830 करोड़) की कमाई पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (PSLV) पर विदेशी उपग्रह को लॉन्च करने से की थी.


साल की शुरुआत में ISRON ने 36 OneWeb सैटलाइट किए लॉन्च


इस साल की शुरुआत में LVM-3 ने एक ही मिशन में 36 वनवेब उपग्रह (OneWeb satellites) लॉन्च किए और पहली बार एक भारतीय कंपनी स्काईरूट एयरोस्पेस  ने 18 नवंबर, 2022 को निजी तौर पर विकसित रॉकेट विक्रम एस (Vikram S) को अंतरिक्ष में भेजा था. इसरो ने अपने इस मिशन को 'प्रारंभ' (Prarambh) नाम दिया था.


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