ISRO-DRDO Landing Mission: इसरो-डीआरडीओ (ISRO-DRDO) और वायुसेना ने मिलकर 2 अप्रैल की सुबह एक लैंडिंग मिशन का सफलतापूर्वक संचालन किया है. इसरो ने ट्वीट कर कहा 'भारत ने कर दिखाया'. आरएलवी (RLV) ने भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) के एक चिनूक हेलीकॉप्टर (Chinook Helicopter) से एक अंडरस्लंग लोड के रूप में सुबह 7:10 बजे उड़ान भरी और 4.5 किमी की ऊंचाई तक उड़ान भरने के बाद लैंडिंग मिशन में भी सफल रही. 


इस मिशन का आयोजन एरोनॉटिकल टेस्ट रेंज (ATR), चित्रदुर्ग कर्नाटक में किया गया था. इस दौरान लैंडिंग युद्धाभ्यास किया गया और करीब 7:40 पर ATR एयरपोर्ट पर एक बेहतरीन लैंडिंग पूरी की गई. साथ ही इसरो ने स्पेसशिप की लैंडिंग भी सफलतापूर्वक हासिल की. स्पेस री-एंट्री व्हीकल की लैंडिंग ठीक उसी हाई स्पीड से की जाती है जैसे वाहन अंतरिक्ष से आता है. 






ATR में लैंड कराया गया RLV LEX 


लैंडिंग मिशन के दौरान RLV LEX को भारतीय वायुसेना के चिनुक हेलीकॉप्टर ले लाया गया. इसे 4.5 किलोमीटर की ऊंचाई पर ले जाया गया और 4.6 किलोमीटर की रेंज पर छोड़ा गया. इसके छोड़ने के बाद रीयूजेबल लॉन्च व्हीकल ने हल्की स्पीड से उड़ान भरा. इसके कुछ देर बाद उसे लैंडिंग गियर के साथ खुद ही एटीआर में लैंड कराया गया. रीयूजेबल लॉन्च व्हीकल के जरिए हम रॉकेट को दोबारा लॉन्च कर सकते हैं.


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