Nara Lokesh Bail Plea Rejected: तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) के मुखिया एन चंद्रबाबू नायडू के बाद अब उनके बेटे और टीडीपी के महासचिव नारा लोकेश की मुश्किलें बढ़ गई हैं. आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट ने अमरावती इनर रिंग रोड घोटाला मामले में नारा लोकेश की अग्रिम जमानत याचिका को शुक्रवार (29 सितंबर) को खारिज कर दिया. साथ ही अदालत ने पुलिस को दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 41ए के तहत नोटिस देने का भी निर्देश दिया है.


वहीं, सीआईडी ने कथित अमरावती इनर रिंग रोड (आईआरआर) संरेखण मामले में लोकेश को ए 14 के रूप में नामित किया है. सूत्रों का कहना है कि जांचकर्ता विपक्षी एमएलसी को सीआरपीसी की धारा 41-ए जारी कर पूछताछ के लिए उपस्थित होने के लिए कहेंगे. सीआईडी अधिकारियों ने घोटाले में टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू के बेटे नारा लोकेश के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है.


सीआईडी अधिकारियों का सहयोग करने का निर्देश


नारा लोकेश की कानूनी टीम ने 41ए नोटिस से पहले आंध्र उच्च न्यायालय में अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी लेकिन अदालत ने जमानत याचिका खारिज कर दी और नारा लोकेश को मामले में सीआईडी अधिकारियों के साथ सहयोग करने का निर्देश दिया.


41ए नोटिस में नारा लोकेश को मामले में आगे की जांच के लिए एक पुलिस अधिकारी के सामने पेश होने का निर्देश दिया गया है. सीआईडी ने एक ज्ञापन में आरोप लगाया कि लोकेश ने इनर रिंग रोड के आदेश को बदलकर लाभ उठाने की कोशिश की और घोटाले में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.


नारा लोकेश आरोपी नंबर 14


सीआईडी का आरोप है कि आंध्र प्रदेश की राजधानी अमरावती के मास्टर प्लान की डिजाइनिंग और रिंग रोड और मुख्य सड़कों के संरेखण के संबंध में 2014 से 2019 के बीच आंध्र सरकार में उच्च पदस्थ अधिकारियों की ओर से भ्रष्ट गतिविधियां की गईं. मामले में लोकेश को आरोपी नंबर 14 बनाया गया था.


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